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Thursday 20 June 2019

बिहार में दिमाग़ी बुखार : 150 मरे बच्चो में से कितनों को मिला आयुष्मान योजना का लाभ

पटना। बिहार में दिमाग़ी बुखार से अब तक 150 से ज़्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। हर दिन यह आँकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों में रोज मुज़फ़्फ़रपुर की बदहाल व्यवस्था की तस्वीर पेश की जा रही है।

देर से ही सही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिल्ली में अपने सरकारी कार्यक्रमों और बैठकों से मुक्ति पा कर मौत का सिलसिला शुरू होने के दो हफ़्ते बाद मुज़फ्फ़रपुर पहुंचे, जहां उन्हें लोगों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा।

इससे पहले देर रात उन्होंने अपने घर पर एक्यूट इनसेफ़िलाइटिस सिंड्रोम (AES) पर समीक्षा बैठक बुलाई थी और मुख्यमंत्री कोष से मृतक के परिवार वालों को 4-4 लाख देने की घोषणा की।

बिहार के मुज़फ्फ़रपुर में मरने वाले बच्चे और उनके परिवार वाले ज़्यादातर बच्चे बहुत ही ग़रीब परिवार से आते हैं।

आयुष्मान भारत क्या है ?
इस योजना के तहत हर साल ग़रीब परिवार को पाँच लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा देने की बात कही गई है। सरकार का दावा है कि इससे 10 करोड़ परिवार यानी 50 करोड़ से अधिक लोगों को फ़ायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार पाँच लाख की राशि में सभी जाँच, दवा, अस्पताल में भर्ती के खर्च शामिल हैं। इसमें कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों सहित 1300 बीमारियां शामिल की गई हैं। आयुष्मान भारत के तहत परिवार के आकार या आयु पर कोई सीमा नहीं है। ऐसे में दावा है कि इसमें हर किसी का मुफ़्त इलाज तय है।

अब जब मुज़फ्फ़रपुर में बच्चों की मौत की संख्या लगातार बढ़ रही है तो आयुष्मान भारत योजन पर सवाल उठ रहे हैं और सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि ऐसी योजना का क्या फ़ायदा जो बच्चों को बचा नहीं सकी।

इस योजना के प्रचार प्रसार में अक्सर एक लाइन लिखी जाती है- ”अब नहीं रहा कोई लाचार, बीमार को मिल रहा है मुफ़्त उपचार”

एक ओर आयुष्मान भारत के आधिकारिक ट्वीटर पर यह नारा लगा है और दूसरी ओर सच्चाई ये है कि मुज़फ़्फ़रपुर में एक्यूट इनसेफ़िलाइटिस सिंड्रोम के केवल 32 लाभार्थी ही सामने आए हैं।

बीबीसी से बातचीत में आयुष्मान भारत के डेप्युटी सीईओ डॉ. दिनेश अरोड़ा ने बताया एक्यूट इनसेफ़िलाइटिस सिंड्रोम (AES) और वायरल इन्सेफ़िलाइटिस दोनों ही बीमारियां आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर हैं। यानी योजना के तहत अगर आप आयुष्मान भारत के लाभार्थी हैं तो दोनों ही बीमारियों का मुफ़्त इलाज़ होगा।

एक साल में आयुष्मान भारत के कितनों को फ़ायदा?
इस सवाल पर उन्होंने बताया, “आयुष्मान भारत के तहत बिहार के मुज़फ्फ़रपुर में अब तक केवल 32 लोगों ने इलाज कराया है. इनमें से एक की मौत हो चुकी है और 31 लोगों का इलाज चल रहा है”

आयुष्मान भारत के आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़ इन 32 बच्चों के इलाज के लिए सरकार ने बिहार में अस्पताल को तकरीबन पाँच लाख रुपए दिए हैं।

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