भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भक्त उन्हें झाड़ू चढ़ाते हैं. यकीन नहीं हो रहा ना, पर ये सच है. ये मंदिर यूपी के मुरादाबाद जिले में है.
मुरादाबार जिले में गांव है बीहजोई. यहां भगवान शिव का प्राचीन शिवपातालेश्वर मंदिर स्थित है. इस मंदिर में भक्त सोना-चांदी नहीं, बल्कि अपने भोलेनाथ को झाड़ू चढाते हैं.
क्यों चढ़ाई जाती है झाड़ू
भक्तों का मानना है कि झाड़ू चढाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इससे त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है. भगवान शिव का यह मंदिर पूरे इलाके में प्रसिद्ध है.
कितना पुराना है मंदिर
बताया जाता है कि ये मंदिर 150 साल पुराना है. यहां झाड़ू चढाने की प्रथा बहुत पुरानी है. शिवजी को झाड़ू चढाने रोजाना लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं.
मंदिर से जुड़ी कथा
इस गांव में भिखारीदास नाम का एक व्यापारी रहता था, जो बहुत धनवान था. लेकिन उसे तवचा सम्बन्धी एक बड़ा रोग था. वह इस रोग का इलाज करवाने जा रहा था कि अचानक उसे प्यास लगी. वह भगवान के इस मंदिर में पानी पीने आया और तभी वजह झाड़ू मार रहे महंत से टकरा गया. जिसके बाद बिना इलाज ही उसका रोग दूर हो गया. इससे खुश होकर सेठ ने महंत को अशरफियां देनी चाही. लेकिन महंत ने इसे लेने से इनकार कर दिया.
इसके बदले उसने सेठ से यहां मंदिर बनवाने की प्रार्थना की. इसके बाद इस मंदिर के लिए ये बात कही जाने लगी कि त्वचा संबंधी रोग होने पर यहां झाड़ू चढ़ानी चाहिए.
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