इन दिनों पूरी दुनिया में साइबर अपराध बढ़े हैं. बैंको से लेकर सरकारी मंत्रालयों तक कुछ भी हैकर्स से सुरक्षित नहीं है. पिछले कुछ समय में हमारे सामने ऐसे कई मामले आए हैं जहां साइबर अपराधों को अंजाम दिया गया है. डिजिटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी के बाद तो ऐसे मामलों में लगातार इजाफा हुआ है. भारत में नोटबंदी के बाद सरकार ने लगातार डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने पर जोर दिया. इस दौरान कई लोग साइबर फ्रॉड का शिकार हुए.Image Source
ऑनलाइन दुनिया में लोग सुरक्षा को लेकर बहुत अलर्ट नहीं रहते हैं. इस वजह से कुछ लोग उनकी इसी लापरवाही का फायदा उठाकर उनका डाटा, अकाउंट आदि हैक कर लेते हैं. कुछ लोगों को तुरंत इस हैकिंग का पता चल जाता है वहीं कुछ लोगों को इसका पता नहीं चलता है. कई बार फोन, कंप्यूटर और लैपटॉप को ही हैकर्स हैक कर लेते हैं. अब सवाल यह है कि कैसे पता चलेगा कि आपका स्मार्टफोन या कंप्यूटर हैक हो गया है? चलिए हम आपको इसके 6 संकेत बताते हैं.
फोन पर मैसेज आना- अगर आपको बिना ट्रांजेक्शन किए ही ट्रांजेक्शन होने के मैसेज आ रहे हैं तो समझ लीजिए कुछ गड़बड़ है. कई बार ऐसा होता है कि उन प्रोडक्ट्स के मैसेज आपको मिलने लगते हैं जिन्हें आपने खरीदा ही नहीं है. इसका मतलब है कि आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड का डिटेल किसी के हाथ लग गया है. पेमेंट डिटेल की जानकारी हैकर्स को आपकी शॉपिंग साइट से मिल सकती है या फिर आपके फोन और ईमेल से मिल सकती है.
फोन और कंप्यूटर का अचानक से स्लो हो जाना- अगर आपका स्मार्टफोन या कंप्यूटर हद से ज्यादा स्लो चल रहा है तो सावधान हो जाएं. कई बार हैकर्स आपके सिस्टम का इस्तेमाल बिट्क्वॉइन की माइनिंग के लिए करते हैं. इसके अलावा इंटरनेट स्पीड अच्छी होने के बाद भी फोन पर वीडियो स्लो चल रहा है तो सावधान हो जाने की जरूरत है.
एंटी वायरस का बंद हो जाना- हैकर्स आम यूजर्स से ज्यादा एडवांस होते हैं. लोग कई बार एंटी वायरस इंस्टॉल कर निश्चित हो जाते हैं. लेकिन हैकर्स इससे भी पार पा सकते हैं. हैकर्स कई बार एंटी वायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को बंद कर देते हैं. अगर आपको जरा भी संदेह होता है कि आपका एंटी वायरस काम नहीं कर रहा है तो समझ लीजिए कि आप हैकिंग के शिकार हो गए हैं.
अपने आप क्रोम में एक्सटेंशन और सॉफ्टवेयर का इंस्टॉल हो जाना- अपना ब्राउजर हमेशा चेक करते रहें, क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि आप आपके ब्राउजर में कोई एक्सटेंशन पड़ा हो और वह आपकी जासूसी कर रहा हो. कई बार कुछ एक्सटेंशन या सॉफ्टवेयर किसी वेबसाइट के जरिए सिस्टम में आ जाते हैं और इनके जरिए हैकर्स आप तक पहुंच सकते हैं.
कंप्यूटर या फोन की सेटिंग्स का चेंज हो जाना- अगर आपको लगता है कि आपके फोन और कंप्यूटर की सेटिंग्स अपने आप बदल गई है तो सावधान हो जाएं. इसका मतलब है कि हैकर्स आपके सिस्टम में पहुंच गए हैं. इससे बचने के लिए तुरंत अपने फोन में डाउनलोड फाइल चेक करें और फोन का फॉर्मेट कर लें.
अपने आप सिस्टम का ऑन-ऑफ होना-एक संकेत यह भी है कि अगर आपका सिस्टम लगातार अपने-आप बंद हो रहा है या फिर री-स्टार्ट हो रहा है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपका सिस्टम हैक हो गया है. ऐसे में बहुत जरुरी है कि इंटरनेट पर सर्फिंग करते समय अनसेफ वेबसाइट पर विजिट ना करें.
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