अकसर जब आप कभी एक ही अवस्था में बैठे रह जाते हैं तो आपके हाथ और पैर सुन्नं पड़ जाते हैं, जिसके कारण आपको कभी कोई भी चीज़ को छूने का एहसास मालूम नहीं पड़ता है। यही नहीं, इसके अलावा आपको प्रभावित स्था न पर दर्द, कमजोरी या ऐठन भी महसूस होती होगी। लगभग सभी लोग इस अनुभव का शिकार जरूर हुए होंगे।
लगातार हाथों और पैरों पर प्रेशर के अलावा यह सुन्न पड़ना, किसी ठंडी चीज को बहुत देर तक छूते रहने से, तंत्रिका चोट, बहुत अधिक शराब का सेवन, थकान, धूम्रपान, मधुमेह, विटामिन या मैग्नीहशियम की कमी आदि से भी होता है।
शरीर के अंग का सुन्नाआ पड़ जाना एक आम सी समस्यात जरूर है लेकिन इसके कई कारण भी हो सकते हैं। अगर यह समस्या कुछ मिनटों तक रहती है तब तो घबराने वाली कोई बात नहीं है लेकिन अगर यही कई-कई घंटों तक बनी रहे तो आपको डॉक्ट र के पास जाने की आवश्यतकता जरूर है, क्योंकि यह किसी बड़ी बीमारी का भी लक्षण हो सकता है।
एक ही मुद्रा में ज्यादा देर तक रहने से हाथ-पैर जब सुन्न पड़ जाते हैं और उनमें झनझनाहट होने लगती है, तो कई बार व्यक्ति घबरा जाता है। खीज भी बहुत होती है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि हाथ-पैर सुन्न होते क्यों हैं?
हाथ पैर को सुन्न होने से कैसे बचे , आइए जानें
गरम पानी से सेंके
शरीर का जो भी अंग सुन्न पड़ गया हो वहां गरम पानी की बोतल का सेंक रखें। इससे वहां की रक्त संचालन ठीक हो जाएगी। इस टिप्स की मदद से आपकी मासपेशियां और नसें रिलैक्स होंगी। एक साफ कपड़े को गरम पानी में 5 मिनट के लिए भिगोएं रखें और फिर उससे प्रभावित जगह को सेंके। आप चाहें तो गरम पानी से स्नाेन भी कर सकती हैं।
व्यायाम करना ना भूलें
व्यावयाम (एक्सरसाइज़) करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज़ी से होता है और सुन्न वाली जगह पर ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ जाती है। जिन लोगों को अकसर सुन्न होने की शिकायत रहती है उन्हें रोजाना हाथ और पैरों का 15 मिनट व्याेयाम करना चाहिए। इसके अलावा हफ्ते में 5 दिन के लिए 30 मिनट एरोबिक्सव करें, जिससे आप हमेशा स्वस्थ बने रहेंगे।
मसाज कैसे करें
जब कभी हाथ-पैर सुन्न हो जाएं तब उन्हें और मसाज देना शुरू कर दें। बता दें कि इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। गरम जैतून तेल, नारियल तेल या सरसों के तेल से मसाज करना बहुत अच्छा होगा।
हल्दी और दूध पिये
घर के खाने में प्रयोग होने वाली हल्दी में ऐसे तत्वट मौजूद हैं जो आपके ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं और साथ ही यह सूजन, दर्द और परेशानी को भी कम करती है। एक गिलास दूध में थोड़ा हल्दी मिक्स करके हल्की आंच पर पकाएं। आप चाहे तो इसमें हल्दी भी मिला सकते हैं। इसे पीने से आपको काफी राहत मिलेगी। आप चाहे तो हल्दी और पानी के पेस्ट से प्रभावित स्थान की मसाज भी कर सकते हैं।
दालचीनी का उपयोग करें
दालचीनी में कैमिकल और न्यूरट्रियंट्स दोनों ही मौजूद होते हैं जो हाथ और पैरों में ब्लड फ्लो को बढ़ाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना 2-4 ग्राम दालचीनी पावडर को लेने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इसको लेने का अच्छाे तरीका है कि एक गिलास गरम पानी में 1 चम्मच दालचीनी पावडर मिलाएं और दिन में एक बार पियें। दूसरा तरीका है कि 1 चम्मच दालचीनी और शहद मिला कर सुबह कुछ दिनों तक सेवन करें।
मैग्नीशियम का सेवन जरूर करें इस प्रकार
हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे, बीज, ओटमील, पीनट बटर, ठंडे पानी की मछलियां, सोया बीन, अवाकाडो, केला, डार्क चॉकलेट और लो फैट दही आदि जरूर खाएं। पैर सुन्न नहीं होंगे। आप रोजाना मैग्नीशियम 350 एम जी की सप्प लीमेंट भी ले सकती हैं। पर इस बारे में डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
विज्ञान के मुताबिक, हाथ पैर का सुन्न पड़ जाना बेहद आम-सी बात है। किसी एक मुद्रा में लगाता बैठे रहने या सोने के बाद जब आप उठते हैं, तो कई बार आपने महसूस किया होगा कि आपका पैर काम ही नहीं कर रहा। शरीर का वह हिस्सा सुन्न पड़ जाता है और उसमें एक खास तरह की झनझनाहट होने लगती है। जब आप चलने की कोशिश करते हैं या फिर पैरों में जूते या चप्पल डालने की कोशिश करते हैं, तो पैर काम करना बंद कर चुका होता और ऐसा लगता है, कि खड़े होते ही आप गिर जायेंगे, लेकिन कुछ देर हिलने-डुलने या चलने पर स्थिति सामान्य हो जाती है।
बिल्कुल ऐसा ही हाथ के साथ भी होता है। कुर्सी के हत्थे पर देर तक हाथ टिकाने या बिस्तर में बांह के बल सोने या हाथ का तकिया बनाकर सोने से हाथ भी सुन्न होकर झनझनाने लगता है। हालांकि हाथ-पैर का इस तरह सुन्न पड़ जाना कोई परेशानी की बात नहीं है। असल में एक ही मुद्रा में देर तक रहने से कुछ नसें दब जाती हैं। इस कारण हाथ-पैर को पर्याप्त मात्रा में अॉक्सीजन नहीं मिल पाती। अॉक्सीजन के अभाव में अंग बचाव की मुद्रा में आ जाते हैं और सिर्फ बहुत ज़रूरी काम ही करते हैं।
शरीर के किसी भी अंग में होने वाली सुन्नता का पता मस्तिष्क को भी चल जाता है, जिसके चलते मस्तिष्क आॉक्सीजन के लिए परेशान होते हाथ-पैर की मदद करने लगता है। दिमाग झनझनाहट का सिग्नल भेज कर शरीर को हिलने-डुलने के लिए बाध्य करता है। आमतौर पर हाथ या पैर का सुन्न होना सामान्य-सी ही बात है। लेकिन यदि सुन्नता लंबे समय तक बनी रहे, दिन में कई-कई बार हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगें या फिर झनझनाहट खत्म होने में बहुत अधिक समय लग रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि कभी-कभी झनझनाहट और सुन्नता स्लिप डिस्क, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या डायबिटीज के चलते भी होती है।
विटामिन बी फूड को डायट में करें शामिल
अगर हाथ-पैरों में झन्न-झन्नाहट सी होती है तो अपने आहार में ढेर सारे विटामिन बी, बी6 और बी12को शामिल करें। इनकी कमी से भी हाथ, पैरों, बाजुओं और उंगलियों में सुन्न पैदा हो जाती है। आपको अपने आहार में अंडे, अवाकाडो, मीट, केला, बींस, मछली, ओटमील, दूध, चीज़, दही, मेवे, बीज और फल शामिल करने चाहिये।
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