रूस के विदेश मंत्री ने कहा है कि डोनल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच चल रही ज़ुबानी जंग स्कूली बच्चों की लड़ाई जैसी है.
सर्गेई लावरोफ़ ने कहा है कि दोनों ‘गर्म दिमाग़’ नेताओं को शांत करने के लिए एक विराम की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “शांत रहकर उत्तर कोरिया के परमाणु सैन्यकरण को देखना अस्वीकार्य है लेकिन साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध छेड़ना भी अस्वीकार्य है.”
लावरोफ़ ने कहा है कि मौजूदा संकट से राजनीतिक प्रक्रिया के ज़रिए निबटा जाना चाहिए जो की संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि “चीन के साथ मिलकर हम तार्किक रवैया अपनाएंगे न की भावुक रवैया, जैसा कि जब स्कूली बच्चे लड़ना शुरू कर देते हैं तब उन्हें कोई नहीं रोक सकता है.”
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के बीच तीखी बयानबाज़ी हुई है. दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर हमला करते हुए एक दूसरे को ‘सनकी’ और ‘पागल’ कहा है.
किम जोंग-उन ने कहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की “हताशा” से उन्हें यक़ीन है कि उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों को विकसित करना सही है.
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया को दिए एक बयान में उत्तर कोरियाई शासक ने कहा कि ट्रंप को संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने हाल के भाषण के परिणाम भुगतने होंगे.
ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर अमरीका को अपनी रक्षा करनी है तो उसे उत्तर कोरिया को पूरी तरह नष्ट करना होगा.
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में किम जोंग-उन को लेकर कहा था कि “रॉकेट मैन”, “ख़ुदकुशी के मिशन” पर है.
हाल के दिनों में आक्रामक बयानों की बौछार के बीच उत्तर कोरिया और अमरीका में ख़ासा तनाव बना हुआ है.
उत्तर कोरिया लगातार बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण कर रहा है और अंतर्राष्ट्रीय आलोचना के बावजूद इसने छठा परमाणु परीक्षण किया है.
ट्रंप की टिप्पणियों की तुलना “कुत्ते के भौंकने” से करने वाले उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग-हो ने चेतावनी दी है कि ट्रंप की धमकियों के जवाब में उत्तर कोरिया प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर सकता है.
दक्षिण कोरिया की न्यूज़ एजेंसी योनहैप ने योंग हो की चेतावनी पर लिखा कि यह प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का सबसे शक्तिशाली विस्फोट हो सकता है.
हालांकि योंग ने कहा, “हमें नहीं पता कि क्या कार्यवाही की जा सकती है क्योंकि आदेश किम जोंग-उन ही देंगे.”
“जो रास्ता चुना उस पर अंत तक है चलना”
केसीएनए एजेंसी में आए किम के एक अंग्रेज़ी बयान के मुताबिक, “ट्रंप की टिप्पणी ने डराने या रोकने के बजाय मुझे यक़ीन दिला दिया है कि जो भी रास्ता मैंने चुना है वो सही है और इसी पर मुझे अंत तक चलना है.”
उन्होंने कहा, “अब जबकि ट्रंप ने पूरी दुनिया के सामने मेरे और मेरे देश का अस्तित्व नकारते हुए अपमान किया है. इतिहास के सबसे भयंकर युद्ध की घोषणा की तो ट्रंप को उनके भाषण का क़रारा जवाब देने के लिए उत्तर कोरिया अब तक की अपनी सबसे बड़ी कार्यवाही करेगा.”
अंत में उन्होंने कहा, “मानसिक रूप से विक्षिप्त आग से खेलने के शौक़ीन अमरीकी बूढ़े को यक़ीनन वश में करूंगा.”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया के किसी नेता ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सीधा संबोधित किया हो.
जापान ने की किम की आलोचना
किम के बयान की जापान सरकार ने तीखी आलोचना की है.
मुख्य कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को कहा, “उत्तर कोरिया का बयान और उसका व्यवहार इस क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा है और ये बिल्कुल ही अस्वीकार्य है.”
उत्तर कोरिया ने पिछले महीने जापान की ओर दो बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया जिससे इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया.
गुरुवार को ट्रंप ने उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ प्रतिबंधों को और बढ़ाने के लिए एक नए आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत अमरीका का राजकोष विभाग उन कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को निशाना बनाएगा जो उत्तर कोरिया में बिज़नेस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, “अपने परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए बहुत लंबे समय तक उत्तर कोरिया को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का दुरुपयोग करने की अनुमति दी गई.”
“सैन्य सनक” त्रासदी की ओर ले जाएगा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस महीने की शुरुआत में उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों की मंज़ूरी दी थी जिसका उद्देश्य तीन सितंबर को किए गए छठे परमाणु परीक्षण के बाद वहां ईंधन और पैसे की तंगी लाना था.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के एजेंडे में उत्तर कोरिया का मसला प्रमुख था, जहां कई देशों ने तनाव को कम करने पर ज़ोर दिया.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने चेताया कि परमाणु परीक्षण पर “सैन्य सनक” त्रासदी की ओर ले जाएगा, जबकि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा उत्तर कोरिया को “ख़तरनाक दिशा” में नहीं जाना चाहिए.
वांग ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप पर कोई नया परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए, चाहे उत्तर कोरिया हो या दक्षिण कोरिया.
-BBC
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