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Friday, 22 December 2017

बिटकॉइन क्या है और ये कैसे काम करता है | Facts About Bitcoin in Hindi

Facts About Bitcoin in Hindi | Bitcoin Kya Hai | तेजी से बढ़ती कीमत के कारण आज बिटकॉइन पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है कि आखिर यह मुद्रा है क्‍या। 2009 में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब इसकी कीमत 15 पैसे थी लेकिन आज बिटकॉइन की कीमत 10 लाख रुपए से ऊपर जा चुकी है। कुछ दिन पहले यह 13 लाख रुपए के पार चला गया था। आइए आपको बताते हैं कि क्रिप्‍टोकरेंसी के नाम से मशहूर बिटकॉइन क्‍या है और कैसे इससे लेन-देन होता है-

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Facts About Bitcoin In Hindi

क्‍या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक डिजिटल मुद्रा है। इसे डिजिटल वॉलेट में रखकर ही लेन-देन किया जा सकता है। इसे 2009 में एक अनजान इन्‍सान ने एलियस सतोशी नाकामोटो के नाम से क्रिएट किया था। इसके जरिए बिना बैंक को माध्‍यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है। हालांकि भारत में इस मुद्रा को न तो आधिकारिक अनुमति है और न ही इसे रेग्युलेट करने का कोई नियम बना है।

कितने बिटकॉइन चलन में
सीएनबीसी व अन्‍य की रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरी दुनिया में केवल 2.10 करोड़ बिटकॉइन मौजूद हैं और उनमें से अभी 1.20 करोड़ से ज्‍यादा बिटकॉइन की माइनिंग हो चुकी है यानी इस वक्‍त इतने बिटकॉइन चलन में हैं।

सबसे पहले पिज्‍जा की हुई थी खरीद
भले ही बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा है लेकिन इनसे कई फिजिकल चीजें खरीद सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिटकॉइन से जिस चीज को सबसे पहले खरीदा गया, वह थी पिज्‍जा। इस खरीद में 10000 बिटकॉइन खर्च किए गए थे।

कैसे हासिल होते हैं बिटकॉइन
बिटकॉइन हासिल करने के तीन तरीके हैं- ऐसी कई वेबसाइट्स हैं जो फ्री बिटकॉइन ऑफर करती हैं। इसके लिए आपको कुछ टास्‍क्‍स को पूरा करना होता है और उसके बदले मे आपको बिटकॉइन मिलते हैं। इसके अलावा कैश के बदले या फिर किसी सामान के बदले भी बिटकॉइन हासिल होते हैं। जिन देशों में बिटकॉइन लीगल हैं, वहां आप कैश के बदले बिटकॉइन देने वाले सेलर या सामान के पेमेंट के रूप में बिटकॉइन हासिल कर सकते हैं। तीसरा तरीका है बिटकॉइन की माइनिंग।

बिटकॉइन मा‍इनिंग
बिटकॉइन मा‍इनिंग का अर्थ है नए बिटकॉइन जनरेट करना या चलन में लाना। सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिटकॉइन में किए गए ट्रान्‍जेक्‍शन वेरिफाई किए जाते हैं। इसके लिए इन्‍हें एक पब्लिक अकाउंट में एड कर दिया जाता है। इसे ब्‍लॉक चेन कहते हैं। इसमें बिटकॉइन में लेन-देन करने वाले दुनिया के हर इन्‍सान का ट्रान्‍जेक्‍शन एड रहता है। ब्‍लॉकचेन पर एक पैडलॉक होता है, जिसे एक डिजिटल की से खोला जा सकता है। उस की को हासिल कर लेने पर आपका बॉक्‍स ओपन होता है और ट्रान्‍जेक्‍शन वेरिफाई हो जाता है। तब आपको नए 25 बिटकॉइन हासिल होते हैं।

बिटकॉइन की खो जाने पर गवां बैठते हैं सारे बिटकॉइन
फैक्‍टसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिटकॉइन एक डिजिटल वॉलेट में सेव होते हैं और इनकी एक डिजिटल की होती है। अगर आपसे यह की खो जाती है तो वॉलेट भी खो जाता है यानी आप अपने कमाए हुए बिटकॉइन गंवा देते हैं। साथ ही कोई और भी इन बिटकॉइन का इस्‍तेमाल नहीं कर सकता। यानी ये सर्कुलेशन से ही बाहर हो जाते हैं।

कैसे हासिल होता है बिटकॉइन वॉलेट
ऐसी कई साइट्स हैं, जो डिजिटल करेंसी के लिए वॉलेट उपलब्‍ध कराती हैं। जैसे ब्‍लॉकचेन और कॉइनबेस। इन साइट्स पर बिटकॉइन के लिए वॉलेट भी उपलब्‍ध हैं। इसके अलावा स्‍मार्टफोन के लिए बिटकॉइन वॉलेट के एप्‍स भी मौजूद हैं।

बिटकॉइन में लेन-देन करने वालों को ट्रेस करना है मुश्किल
जब आप बिटकॉइन में लेन-देन करते हैं तो आपके नाम या पहचान का इस्‍तेमाल नहीं होता है। केवल एक बिटकॉइन एड्रेस होता है, जिसके जरिए सभी ट्रान्‍जेक्‍शंस का रिकॉर्ड रहता है। हालांकि यह एक 34 अल्‍फान्‍यूमेरिक कैरेक्‍टर वाला एड्रेस होता है, जिसके जरिए लेन-देन करने वालों का पता लगाना मुश्किल होता है लेकिन यह नामुमकिन नहीं है।

बिटकॉइन को भुनाते कैसे हैं
क्रिप्‍टोकरेंसी हेल्‍प डॉट कॉम के मुताबिक अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन जैसे कई देश ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन के बदले कैश या फिर बिटकॉइन की कीमत के हिसाब से पैसे आपके डेबिट कार्ड में ट्रान्‍सफर कर दिए जाते हैं। इसके बदले आप भी किसी को कैश के बदले बिटकॉइन दे सकते हैं। साथ ही जिन देशों में ऑनलाइन बिटकॉइन एक्‍सचेंज मौजूद है और यह लीगल है, वहां पर रजिस्‍ट्रेशन करा बिटकॉइन की बिक्री की जा सकती है।

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