सेहतमंद शरीर के लिए दिल का खयाल रखना बेहद जरूरी है इसके बावजूद भारत में दिल की बीमारियों के चलते हर साल कई मौतें होती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी खाने-पीने की आदतें आपके दिल को बहुत बीमार कर रही हैं? अगर हम अपने खान-पान पर ध्यान दें तो काफी हद तक दिल को सेहतमंद रख सकते हैं डाइट में सुधार करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड प्रेशर कम होता है इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपको यहां पर
आलू और मकई के चिप्स
आलू और मकई के चिप्स में भरपूर मात्रा में ट्रांस फैट सोडियम, कार्ब्स और ऐसी बहुत सी चीजें पाई जाती हैं जो आपकी सेहत और दिल के लिए बिलकुल भी अच्छी नहीं हैं शोधों में इस बात का खुलासा हो चुका है कि जो लोग एक दिन में 200 मिलिग्राम से ज्यादा सोडियम खाते हैं वो दिल की बीमारी से मरने वाले 10 लोगों में से एक होते हैं आलू और मकई के चिप्स में सैचुरेटेड फैट होता है जो पेट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है यही नहीं इन चिप्स में जरूरत से ज्यादा नमक होता है जो दिल की कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार है।
एनर्जी ड्रिंक्स
एनर्जी ड्रिंक्स में ग्वाराना और टॉराइन जैसे नैचुरल एनर्जी बूस्टर्स होते हैं ये जब कैफीन के संपर्क में आते हैं तो आपके दिल की धड़कन एकदम से बढ़ जाती है एनर्जी ड्रिंक्स में बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन होती है जिससे अरिदमिया यानी कि अतालता की शिकायत हो सकती है अतालता का मतलब है आपके दिल की धड़कनों की लय में परिवर्तन जब धड़कनें बहुत तेज होती हैं तो इसे त्रैकार्डिया (tachycardia) कहा जाता है और जब हृदय धीमी गति से धड़कता है इसे ब्राडीकार्डिया (bradycardia) कहते हैं अतालता का सबसे प्रमुख लक्षण है दिल की अनियमित धड़कन।
सोडा
सोडा पीने से जलन होने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है यही नहीं सोडा आर्टरी (दिल से शरीर के बाकी हिस्सों तक खून ले जाने वाली धमनी ) की दीवारों पर तनाव पैदा कर दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा देता है रोजाना के खान-पान में सोडा का इस्तेमाल जानलेवा साबित हो सकता है।
ब्लेंडेड कॉफी
ब्लेंडेड कॉफी में काफी मात्रा में कैलोरीज़ और फैट पाया जाता है इसमें चीनी भी भरपूर मात्रा में होती है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए काफी है यही नहीं इस तरह की कॉफी में मौजूद कैफीन भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ा देती है और इसका सेवन खासतौर पर डायबिटीज और हार्ट पेशंट के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है।
तला हुआ चिकन
किसी भी तरह के तले-भुने खाने में भरपूर मात्रा में ट्रांस फैट पाया जाता है यह न सिर्फ हमारी हेल्थ के लिए खतरनाक है बल्कि हमारी कमर को जरूरत से ज्यादा चौड़ा करने के लिए भी जिम्मेदार है इस तरह की चीजें हमारे शरीर में ऑक्सीडेंट ले आती हैं जो एंटी-ऑक्सीडेंट की दुश्मन हैं खाने को डीप फ्राई करने के लिए गरम तेल का इस्तेमाल किया जाता है गरम तेल भोजन के विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट को नष्ट कर ऐसे ऑक्सीडेंट बनाता है जिससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।
पिज्जा
पिज्जा फैट और सोडियम का घर है इसके क्रस्ट में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और सोडियम पाया जाता है पिज्जा में मौजूद चीज़ इस सोडियम और फैट को और ज्यादा बढ़ाने का काम करती है यही नहीं पिज्जा सॉस में भी जरूरत से ज्यादा सोडियम होता है इन चीजों के सेवन से आर्टरी ब्लॉक हो सकती है अगर आप पिज्जा के शौकीन हैं तो मैदे के बजाए गेहूं के आटे और ऑलिव ऑयल से बने क्रस्ट का इस्तेमाल करें।
मार्जरीन
मार्जरीन का इस्तेमाल मक्खन के विकल्प के तौर पर किया जाता है इसे हाइड्रोजनेटेड ऑयल से बनाया जाता है जो ट्रांस फैट का प्रमुख स्रोत है यह हमारे शरीर के कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देता है यह न केवल हमारी दिल की सेहत के लिए हानिकारक है बल्कि यह स्किन एजिंग प्रॉसेस को तेज कर देता है यानी कि समय से पहले हमारी त्वचा बूढ़ी होने लगती है मार्जरीन के बजाए ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए।
चाइनीज़ फूड
चाइनीज़ फूड कैलोरी, फैट, सोडियम और कार्बोहाडड्रेट से भरपूर होता है यह हमारे शरीर के ब्लड शुगर लेवल को लंबे समय के लिए बढ़ा देता है यानी कि आप एक बार चाइनीज़ फूड खाएंगे और लंबे समय तक आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा रहेगा।
इंस्टेंट नूडल्स
दो मिनट में बनने वाले इंस्टेंट नूडल्स बच्चों और बचलर्स का पसंदीदा खाना है लेकिन यह उन लोगों के शरीर को खासा नुकसान पहुंचाता है जो इसे आएदिन खाते हैं अब तक तो आप यह जान ही गए होंगे कि इंस्टेंट नूडल्स की पैकिंग करने से पहले उन्हें डीप फ्राइड किया जाता है जो आपके दिल के लिए तो किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं है यही नहीं इसमें नमक भी बहुत ज्यादा होता है स्टडी के मुताबिक इंस्टेंट नूडल के एक पैकेट में 875 मिलिग्राम सोडियम पाया जाता है यह मात्रा दिनभर के सोडियम इनटेक के बराबर है ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जिससे दिल पर दबाव बढ़ने लगता है।
लाल मांस
लाल मांस यानी कि रेड मीट में ढेर सारा सैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल और नमक होता है ऐसे में लाल मांस महीने में एक बार खाने की सलाह दी जाती है।
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