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Tuesday, 23 January 2018

सीतापुर की तानाशाह डीएम: फरियादी महिला को धक्के मारकर भगाया

सीतापुर। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून-व्यवस्था और पीड़ितों की मदद के लिए मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक को शालीनता का पाठ पढ़ा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नेता मंत्री से लेकर अधिकारी भी CM के निर्देशों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद ही सीएम निर्देश दे चुके हैं कि अगर किसी भी अधिकारी के कार्यालय में कोई पीड़ित आए तो उसके सामने सही तरीके से पेश आएं।

लेकिन सीतापुर जिलाधिकारी कार्यालय की इस तस्वीर ने डीएम की तानाशाही दिखा दी। तानाशाह जिलाधिकारी ने पीड़ित फरियादी गरीब महिला को अपने कार्यालय से धक्का देकर भगवा दिया। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम का जिलाधिकारी कार्यालय में मौजूद लोगों ने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद जिलाधिकारी के खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

फरियादी महिला की टांगे पकड़कर सड़क पर खींचा
जानकारी के मुताबिक, सीतापुर जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली एक पीड़ित गरीब महिला का पारिवारिक विवाद का मामला है। पीड़ित महिला कई बार कोतवाली गई तो पुलिस ने वहां से भगा दिया। वह काफी दिनों से तहसील दिवस और अधिकारियों के चक्कर लगा रही है, लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं। थक हारकर पीड़ित महिला मंगलवार को जिलाधिकारी सारिका मोहन के कार्यालय में मिलने पहुंची।

पीड़िता अपनी बात जिलाधिकारी से कहना चाह रही थी। लेकिन उसकी गरीबी को देखकर जिलाधिकारी ने उसको देखते ही कार्यालय से बाहर भगाने के निर्देश दे दिए। आरोप है कि जिलाधिकारी द्वारा निर्देश मिलते ही उनके कार्यालय में तैनात महिला पुलिसकर्मियों ने महिला को कार्यालय से धक्के मारकर भगा दिया। महिला सड़क पर गिर गई। इस दौरान दोनों महिला सिपाहियों ने उसकी टांगें पकड़कर उठाकर भी खींचा। इस दौरान काफी अफरा-तफरी का माहौल रहा।

काफी देर बाद हंगामा कर रही महिला को पुलिसकर्मियों ने किसी तरह पुलिस की जीप में डाला और कोतवाली ले गई। यहां पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है। बता दें कि एक जिलाधिकारी के इस रवैया से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। लोग जिलाधिकारी को भी भला बुरा कह रहे हैं। वहीं संवेदनहीन पुलिस का भी एक गंदा चेहरा सामने आया है। तस्वीरों में दिख रही दो महिला सिपाही किस कदर पीड़िता को टांगे पकड़ कर खींच रही हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिनके कंधों पर सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेदारी है। वही इसका उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं।

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