लखनऊ। उ.प्र. की योगी सरकार द्वारा 21 एवं 22 फरवरी को लखनऊ में आयोजित ‘‘इन्वेस्टर्स समिट’’ पर उ.प्र. कांग्रेस ने कुछ सवाल उठाये हैं। साथ ही कांग्रेस ने योगी सरकार के समिट आयोजन के इस निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि सरकार का यह कदम किसी बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने इस संबंध में बातचीत में सवालिया अंदाज में कहा कि सरकार एक तरफ तो कह रही है कि लाखों करोड़ के एमओयू हो रहे हैं? ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि उन एमओयू में प्रदेश के युवाओं को कितना और कब रोजगार मिलेगा? उन्होंने कहा कि एक निश्चित समयावधि के भीतर बेरोजगारों को रोजगार मिलना चाहिए जिसका खुलासा सरकार को करना चाहिए। कहा कि क्या सरकार रोजगारविहीन विकास की ओर बढ़ रही है?
राजपूत ने कहा कि सरकार यह भी बताये कि यह ‘‘इन्वेस्टर्स समिट है या डिसइन्वेस्टमेन्ट समिट’’ है। क्योंकि जानकारी मिली है कि सरकार लखनऊ विकास प्राधिकरण सहित अन्य प्राधिकरणां की तमाम योजनाओं को नीलामी में रखने जा रही है। सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना होगा।
प्रवक्ता ने सरकार से यह भी पूछा है कि सरकार को यह भी बताना होगा कि सड़क पर विशेष रूप से लोहिया पथ पर जो लाइट्स अभी कुछ समय पहले लगी थी उनमें सरकार ने क्या खराबी पायी जिसकी वजह से वह सारी लाइटें बदली गयी हैं। सरकार का यह कदम किसी बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है।
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