नई दिल्ली। 2 मार्च 2016 को माल्या लंदन चला गया था। इसके बाद उसे भगोड़ा घोषित किया गया। मोदी पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। ललित मोदी और विजय माल्या को भारत लाने की कोशिशों में कितना पैसा खर्च हुआ सीबीआई ने ये जानकारी देने से इनकार कर दिया है। एक आरटीआई में इस पर जवाब मांगा गया था।
पुणे के रहने वाले विहार धुर्वे ने सीबीआई से पूछा था कि मोदी और माल्या को लाने की कोशिशों में कितना पैसा खर्च हुआ। सीबीआई ने कहा कि 2011 के सरकारी नोटिफिकेशन के तहत आरटीआई के जरिए ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं दी जा सकती।
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प्रत्यर्पण (Extradition) केस के मामले में सीबीआई अपनी टीम को कई बार लंदन भेज चुकी है। आरटीआई एप्लीकेशन फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सीबीआई के पास ट्रांसफर की थी। सीबीआई ने ऐसे मामलों की जांच करने वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के पास भेज दिया।
सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि उसे 2011 के एक सरकारी नोटिफिकेशन के जरिए आरटीआई एक्ट के तहत किसी भी तरह का खुलासा करने से छूट मिली हुई है। इस एक्ट के सेक्शन 24 के तहत कुछ ऑर्गनाइजेशंस को आरटीआई कानून के तहत छूट मिली हुई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले कहा था कि मामला करप्शन और ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन के आरोपों का हो तो सेक्शन 24 के तहत लिस्टेड ऑर्गनाइजेशन खुलासे से छूट का दावा नहीं कर सकते।
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विजय माल्या पर बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपए का कर्ज न लौटाने का आरोप है। ललित मोदी पर करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। विजय माल्या अौर ललित मोदी की ही तरह डायमंड किंग नीरव मोदी भी बैंकों का 11 हजार 356 करोड़ लेकर फरार हो गया है।
राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- पहले ललित फिर माल्या अब नीरव भी हुआ फरार कहां है न खाऊँगा न खाने दूंगा कहने वाला देश का चौकीदार? साहेब की खामोशी का राज जानने को जनता बेकरार उनकी चुप्पी चीख-चीख कर बताए वो किसके हैं वफादार?
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