हरदोई जिला कांग्रेस में दो -दो जिलाध्यक्षों के रहते उहापोह की स्थिति | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Tuesday 20 February 2018

हरदोई जिला कांग्रेस में दो -दो जिलाध्यक्षों के रहते उहापोह की स्थिति

मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं ,कार्यकर्ता पशोपेश में
 हरदोई 20 फरवरी- जिला कांग्रेस कमेटी हरदोई अपने ही अंतर्द्वंद में संगठन को लेकर फंसी हुई है। यहां पर दो -दो जिला अध्यक्षों के मनोनयन से वरिष्ठ कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता वह उहापोह की स्थिति में है कि वे इधर जाएं या उधर जाएं या फिर कहीं नहीं जाए।
हां जी, यह स्थित उस समय से विद्रूप होती चली जा रही है जब निकाय चुनाव के कुछ दिन पहले ही आशीष सिंह सोमवंशी को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के रूप में मनोनीत कर दिया था गया था। जिला अध्यक्ष कांग्रेस के रूप में डॉ राजीव सिंह लोध कार्य करते चले आ रहे थे ।तेज तर्रार और सक्रिय योगदान वाले युवा कांग्रेसी नेता आशीष सिंह सोमवंशी के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के मनोनयन के पश्चात कांग्रेस की नीतियों का प्रचार प्रदर्शन होने लगा और एक तरफ आशीष सिंह वरिष्ठ कांग्रेसी जनों को और कार्यकर्ताओं को बुलाते हैं तो दूसरी तरफ डॉ राजीव लोध  किसी कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं को लेकर अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग अलापते हैं ।कार्यकर्ता और वरिष्ठ कांग्रेसी उहापोह की स्थिति में रहते हैं कि यदि इन दोनों के किसी कार्यक्रम में यदि शामिल होते हैं तो एक दूसरे को बुरा लगता है यही नहीं, ऐसे भी मोड़ आए कि राजीव ,सोनिया व नेहरू की जयंती कार्यक्रम में इन दोनों जिला अध्यक्षों ने अलग अलग एक ही कार्यालय में कार्यक्रम संपन्न किए ।वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कहते हैं कि यह स्थिति बहुत चिंताजनक है कि यदि आशीष सिंह के कार्यक्रम में जाते हैं तो डॉ राजीव लोधी के कार्यक्रम में ना जाने पर स्थिति दयनीय हो जाती है। यह विद्रूप स्थिति उस समय मुखरित हो जाती है जब एक ही उद्देश्य और नीति को लेकर कार्यक्रम किए जाते हैं तो जनता में हास्यास्पद की स्थिति पैदा होती है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस यहां की स्थिति को देखकर भी अनजान बना हुआ है। इस स्थिति के चलते कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं हो पाता है ना ही अपेक्षित कार्यकर्ता जुड़ पाता है और कार्यक्रम सफल नहीं हो पाता है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कहते हैं कि प्रदेश संगठन को इस पर विचार करना चाहिए और जिला अध्यक्षों की स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए ।जब तक जिलाध्यक्षों को स्पष्ट अधिकार नहीं मिलेंगे तो अनुशासन की स्थिति कायम नहीं रह सकती है। बहर हाल इस स्थिति के चलते वरिष्ठ कांग्रेस जन एवं कार्यकर्ताओं में उहापोह स्थिति बनी हुई है कि वे “यहां जाएं या वहां जाएं,या कहीं नहीं जाए” इस विद्रूप स्थिति को प्रदेश संगठन को स्पष्ट करनी चाहिए।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad