गर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होता | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Saturday, 31 March 2018

गर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होता

ज़ख्मो पे मरहम कभी लगाया तो होता
मेरे आंसुओ के लिए दामन बिछाया तो होता

बदनामियों के बोझ से जब गर्दन झुक गयी
कन्धा अपना तुमने बढ़ाया तो होता

गिर गिर के संभल जाते फिर गिरने के लिए
अगर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होता

The post गर नजरो ने तेरी यूँ गिराया ना होता appeared first on Shayari.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad