डीएम बोले-लापरवाह अफसर था/पूर्व जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने भी जारी किया था लापरवाही करने का नोटिस
हरदोई -31मार्च जिले के जिलाधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के बीच आपस में तनातनी के चलते अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने डीएम पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर शासन में इस्तीफा भेजा है।जिसमे उन्होंने डीएम पर शादी अनुदान की फाइल स्वीकृत करने के लिए लगातार दो दिन अपने आवास पर बुलाकर घंटो बैठाये रखने और फाइल पर हस्ताक्षर ना करने जैसे उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप लगाए है।अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के इस्तीफे के बाद पूरी नौकरशाही में हड़कंप मचा हुआ है। इस्तीफा देने के बाद से अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने ऑफिस की तरफ रुख नहीं किया है। जबकि जिलाधिकारी ने उनको लापरवाह अफसर करार दिया है।हरदोई के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की खाली पड़ी इसी कुर्सी ने शुक्रवार रात प्रदेश की पूरी नौकरशाही में हड़कंप मचा दिया। दरअसल हरदोई के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हरिप्रसाद अंबेडकर ने अपने प्रमुख सचिव को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद से त्यागपत्र देने का पत्र शुक्रवार को दिया था।अधिकारी के इस्तीफे और इस्तीफे में डीएम पर आरोपों के बाद हड़कंप मच गया।हरदोई के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की तैनाती सीतापुर में है लेकिन उनके पास हरदोई का अतिरिक्त चार्ज भी है। अपने दिए गए इस्तीफे के साथ उन्होंने 2 पेज का एक पत्र भी प्रमुख सचिव को लिखा है जिसमें उन्होंने शादी अनुदान पत्रावली पर हस्ताक्षर करने के लिए डीएम हरदोई द्धारा घंटों अपने आवास पर बैठाये रखने और उसके बाद भी फाइल पर हस्ताक्षर ना करने के कारण शादी अनुदान के लिए शासन द्धारा निर्गत 324 लाभार्थियों का 64 लाख 89 हजार उनके बैंक खातों में ना जा पाने के कारण मानसिक तनाव के चलते इस्तीफा देने की वजह बताई है।हालांकि विभागीय बाबू साफ तौर पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन ऑफिस के बाबू भी इस बात की तस्दीक जरूर कर रहे हैं कि फाइल पर हस्ताक्षर कराने के लिए डीएम के यहां घंटों इंतजार करना पड़ा। वैसे जिला स्तर पर जिलाधिकारियों द्धारा अपने मातहत अफ़सरो के उत्पीड़न करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे मामले लगातार सामने आते रहते है लेकिन जिस तरह से हरदोई के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भले ही ऑफिस आना बंद कर दिए हो लेकिन जिस तरह से उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश शासन को सौपा है उसके बाद जिलाधिकारी ने अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के आरोपों को नकारते हुए उन्हें लापरवाह अफसर बताया है। जिलाधिकारी का अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के आरोपों को लेकर कहना है कि वह लगातार अपने काम में लापरवाही बरत रहे थे। जिसके लिए पूर्व जिलाधिकारी ने भी उनके खिलाफ पत्र लिखा और उनकी वजह से योजनाए प्रभावित हो रही थी।
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