मध्यप्रदेश। वे रुंधे गले से बोले ‘हमारी बेटी सच में खुशनसीब है। मैट्रिक पास शाहिस्ता का कहना है मैंने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझसे निकाह करने कोई हेलीकॉप्टर से आएगा। खुदा ने मुझे बिना मांगे ही सारे जहां की खुशी दे दीं। इंदौर के पास जावरा में पठानटोली की तंग गली में कवेलू-चद्दर ढंके दो कमरे वाले घर में पली-बढ़ी शाहिस्ता की किस्मत ऐसी चमकी कि मंगलवार को वो हेलीकॉप्टर में बैठकर ससुराल विदा हुई। बेटी को विदाई देते वक्त फल बेचने वाले पिता और सिलाई कर परिवार पालने वाली मां की आंखों से आंसू छलक गए।
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पठानटोली की रहने वाले वाहिद खान की बेटी शाहिस्ता की सगाई तीन साल पहले राजस्थान कोटा जिले के सुकेत के रहनेवाली खनिज कारोबारी आरिफ खान के बेटे हाजी आसिफ खान से हुई थी।
सोमवार को आसिफ हेलीकॉप्टर में निकाह करने शहर आए और निकाह के बाद मंगलवार सुबह 9 बजे दुल्हन शाहिस्ता के साथ सुकेत के लिए उड़ान भरी।
शाहिस्ता की मां आसिफ बी मुताबिक तीन साल पहले वो मुगलपुरा में बहन से मिलने उसके घर गई थी। वहां पड़ोस में रहने वाली रेहाना बी (अब नानी सास) ने शाहिस्ता को देखकर कहा इतनी सुशील सुंदर लड़की मुझे पहले नजर क्यों नहीं आई।
उन्होंने सुकेत के रहने वाले अपने दामाद खनिज कारोबारी आरिफ खान के बेटे से शादी की बात चलाई। फिर सुकेत से आसिफ खान और उनकी मां फैमिदा बी मुगलपुरा में मेरी बेटी को देखने आए।
उन्होंने भी पहली नजर में शाहिस्ता को पसंद कर लिया। तब रेहाना बी ने बताया कि तेरी बेटी बहुत खुशनसीब है। ये लोग अब तक 50 से ज्यादा लड़कियां देख चुके हैं यहां पहली बार में रिश्ता तय हो गया।
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छोटे भाई आदिल की भी जावरा में हुई शादी दोनों एक ही हेलीकॉप्टर से हुए रवाना आसिफ खान के छोटे भाई आदिल का निकाह भी सोमवार रात जावरा के ही जुलाहपुरा में किसान नजीम खान की बेटी नौरीन से हुआ।
दोनों भाई एक ही हेलीकॉप्टर में आए और अपनी दुल्हनों के साथ सुकेत रवाना हुए।
ससुराल के लिए उड़ान भरने से पहले हेलीपेड पर माता-पिता और रिश्तेदारों ने उन्हें विदा किया।
हेलीपेड से दोनों दूल्हा-दुल्हनों को लेकर उड़ा हेलीकॉप्टर वापस जावरा आया और कुछ देर दुल्हनों के घर के ऊपर मंडराने के बाद चला गया।
शाहिस्ता की मां ने कह दिया था आप अमीर हम गरीब ये रिश्ता कैसे मुमकिन हो सकता है
शाहिस्ता की मां आसिफ बी बताती हैं रिश्ते की बात शुरू होने पर वो सुकेत पहुंची तो पता चला आसिफ और उनके पिता आरिफ खान बड़े कारोबारी हैं। ठाठ-बाट देखकर मैंने कहा आप अमीर और हम गरीब ठहरे। हमारे पास तो रहने के लिए घर भी नहीं था जैसे-तैसे मेरे माता-पिता ने दो कमरे का घर बनवा दिया। उस पर भी कवेलू-चद्दर ढंके हैं। मैं सिलाई करती हूं और पति फल का ठेला लगाते हैं। ऐसे में रिश्ता कैसे होगा।
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