मिर्जापुर(शाहजहांपुर)। कभी कुख्यात बदमाशों कल्लू-नज्जू और बड़ेलल्ला-रानी ठाकुर के आतंक से थर थर कांपने वाली गंगा-रामगंगा की कटरी आज सोना उगल रही है। कटरी मे उगने वाली अनचाही घास की जगह अब सुनहरे रंग के पके गेहूं की फसल से कटरी चमक रही है। बर्ष १९९० के दशक मे रामगंगा और गंगा की कटरी मे अनचाही घास भागा और पतेल कुख्यात बदमाश कल्लू-नज्जू और बड़ेलल्ला-रानी ठाकुर गिरोह की पनाहगार थी। हरदोई जिले से बरेली जिले तक रामगंगा तथा फर्रूखाबाद से बदायूं जिले तक गंगा के खादर मे खड़ी रहने वाली अनचाही घास के झुरमुट मे आम आदमी के घुसने तक की हिम्मत नहीं थी। गंगा और रामगंगा के इस खादर क्षेत्र मे कुख्यात कल्लू-नज्जू और बड़ेलल्ला-रानी ठाकुर गिरोह की हकूमत चलती थी। बर्ष १९९५-९६ मे रामगंगा के कोलाघाट कटरी के रास्ते मे कलान के गल्ला व्यापारी आरके गुप्ता और मिर्जापुर थाने के दरोगा त्रिवेणी शंकर शुक्ला का कल्लू-नज्जू गिरोह ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था। यह बही गंगा-रामगंगा की कटरी है जहां बदमाशों से हुई मुठभेड़ मे कलान थानाध्यक्ष राजेश पाठक,दरोगा रूकनसिंह और परौर थाने के सिपाही ओमवीर सिंह यादव शहीद हो गये थे। बर्ष २००७ मे कोलाघाट मे रामगंगा पर लगभग दो किलोमीटर लम्बा पक्का पुल बन जाने से तथा गंगा के ढाईघाट मे पक्का पुल निर्माणाधीन होने से नदियों के खादर मे अनचाही घास का कहीं नामोनिशान नहीं है। नदियों के किनारे तक गेहूं की फसल लहलहा रही है। कटरी मे फसलों की रखवाली किसान रात के अंधेरे मे भी करने मे संकोच नहीं कर रहे हैं। कभी मिट्टी मोल भी कोई नहीं पूछने वाली कटरी की जमीन आज अच्छी फसलों के लिए एक लाख रूपये प्रति बीघा तक खरीद रहे हैं। नदियों के किनारे तक रेत की जगह उपजाऊ दुमट मिट्टी मे रबी और खरीफ की फसलें पैदा होने से किसान खुशहाल है। कटरी की जमीन रबी फसलों मे गन्ना,गेहूं,सरसों,मसूर,चना,मटर और खरीफ मे उर्द,तिल,ज्वार,बाजरा,मक्का आदि की अच्छी पैदावार के लिए जानी जाती है।
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Tuesday 3 April 2018
कुख्यात कल्लू-नज्जू के नाम से थर थर कांपने वाली कटरी अब उगल रही है सोना
मिर्जापुर(शाहजहांपुर)। कभी कुख्यात बदमाशों कल्लू-नज्जू और बड़ेलल्ला-रानी ठाकुर के आतंक से थर थर कांपने वाली गंगा-रामगंगा की कटरी आज सोना उगल रही है। कटरी मे उगने वाली अनचाही घास की जगह अब सुनहरे रंग के पके गेहूं की फसल से कटरी चमक रही है। बर्ष १९९० के दशक मे रामगंगा और गंगा की कटरी मे अनचाही घास भागा और पतेल कुख्यात बदमाश कल्लू-नज्जू और बड़ेलल्ला-रानी ठाकुर गिरोह की पनाहगार थी। हरदोई जिले से बरेली जिले तक रामगंगा तथा फर्रूखाबाद से बदायूं जिले तक गंगा के खादर मे खड़ी रहने वाली अनचाही घास के झुरमुट मे आम आदमी के घुसने तक की हिम्मत नहीं थी। गंगा और रामगंगा के इस खादर क्षेत्र मे कुख्यात कल्लू-नज्जू और बड़ेलल्ला-रानी ठाकुर गिरोह की हकूमत चलती थी। बर्ष १९९५-९६ मे रामगंगा के कोलाघाट कटरी के रास्ते मे कलान के गल्ला व्यापारी आरके गुप्ता और मिर्जापुर थाने के दरोगा त्रिवेणी शंकर शुक्ला का कल्लू-नज्जू गिरोह ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था। यह बही गंगा-रामगंगा की कटरी है जहां बदमाशों से हुई मुठभेड़ मे कलान थानाध्यक्ष राजेश पाठक,दरोगा रूकनसिंह और परौर थाने के सिपाही ओमवीर सिंह यादव शहीद हो गये थे। बर्ष २००७ मे कोलाघाट मे रामगंगा पर लगभग दो किलोमीटर लम्बा पक्का पुल बन जाने से तथा गंगा के ढाईघाट मे पक्का पुल निर्माणाधीन होने से नदियों के खादर मे अनचाही घास का कहीं नामोनिशान नहीं है। नदियों के किनारे तक गेहूं की फसल लहलहा रही है। कटरी मे फसलों की रखवाली किसान रात के अंधेरे मे भी करने मे संकोच नहीं कर रहे हैं। कभी मिट्टी मोल भी कोई नहीं पूछने वाली कटरी की जमीन आज अच्छी फसलों के लिए एक लाख रूपये प्रति बीघा तक खरीद रहे हैं। नदियों के किनारे तक रेत की जगह उपजाऊ दुमट मिट्टी मे रबी और खरीफ की फसलें पैदा होने से किसान खुशहाल है। कटरी की जमीन रबी फसलों मे गन्ना,गेहूं,सरसों,मसूर,चना,मटर और खरीफ मे उर्द,तिल,ज्वार,बाजरा,मक्का आदि की अच्छी पैदावार के लिए जानी जाती है।
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