नई दिल्ली। फेक न्यूज देने वाले पत्रकार की अधिमान्यता रद्द करने के केंद्र के फैसले पर विवाद होने के बाद सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे संबंधित प्रेस रिलीज वापस ली जाए और इस मुद्दे पर प्रेस काउंसिल ही गौर करे। इससे पहले सरकार ने सोमवार को कहा था कि गलत खबर देने या उसका प्रचार करने वाले पत्रकार की अधिमान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है।
तीसरी बार में हमेशा के लिए रद्द हो सकती है मान्यता
सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि पहली बार फेक न्यूज के प्रकाशित या प्रसारित करने की पुष्टि होने पर पत्रकार की सरकारी मान्यता छह महीने के लिए के लिए निलंबित की जा सकती है। दूसरी बार ऐसा हुआ तो मान्यता एक साल के लिए रद्द की जा सकती है। उसने तीसरी बार भी ऐसा किया तो मान्तया हमेशा के लिए रद्द की जा सकती है।
शिकायत पीसीआई या एनबीए को भेजी जाएगी
मंत्रालय का कहना है कि प्रिंट मीडिया में फेक न्यूज की शिकायत मिलने पर इसे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के पास भेजा जाएगा। इसके साथ ही अगर यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संबंधित है तो मामला न्यूज एंड ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) को भेजा जाएगा। ये दोनों एजेंसी 15 दिन में जांच करके उसके फेक या सही होने का फैसला करेंगे। जांच के दौरान संबंधित पत्रकार की मान्यता निलंबित रहेगी।
अहमद पटेल ने कहा- पत्रकार को खुलकर रिपोर्टिंग करने से रोकने की मंशा
उधर, कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल ने कहा है कि पत्रकारों को खुलकर न्यूज रिपोर्टिंग करने से रोकने की मंशा से ये कदम उठाया गया है। पटेल ने अपने ट्वीट में 4 सवाल उठाएए 1 इसकी क्या गारंटी है कि इन नियमों से ईमानदार पत्रकारों का शोषण नहीं किया जाएगा?, 2 फेक न्यूज में क्या-क्या हो सकता है इसका फैसला कौन करेगा?, 3 क्या ये संभव है कि शिकायत के आधार पर जब तक जांच जारी है तब तक मान्यता रद्द न की जाए? , 4 इसकी क्या गारंटी है कि बनाई गई गाइडलाइन्स का इस्तेमाल सिर्फ फेक न्यूज चेक के लिए किया जाएगा, बल्कि पत्रकारों को सहज रिपोर्टिंग से रोकने के लिए नहीं?
स्मृति ईरानी ने दिया पटेल के सवाल का जवाब
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पटेल के सवालों का ट्वीट के जरिए ही जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “आपको जागा हुआ देखकर खुशी हुई अहमद पटेल जी। न्यूज आर्टिकल या ब्रॉडकास्ट की गई न्यूज फेक है या नही इसका फैसला पीसीआई और एनबीए करेंगे और आपको पता होगा कि दोनों ही गैर-सरकारी संस्थाएं है।”
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