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Monday, 13 August 2018

गुडंबा थाने के दरोगा सहित पांच लोगों पर 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज


लखनऊ। देश के शीर्ष तीन थानों में अपना नाम दर्ज करा चुके गुडंबा थाने पर एक दारोगा ने काला दाग लगा दिया। इस दारोगा की करतूत की वजह से पूरे पुलिस विभाग को शर्मसार होना पड़ा है। दरअसल दारोगा पर एक सेवानिवृत्त फौजी सहित पांच लोगों से साठ लाख रुपये की ठगी का आरोप है। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई ना होने पर पीड़ितों ने सीएम जन सुनवाई पोर्टल समेत उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर सभी आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद गुडंबा थाने में तैनात दारोगा सहित पांच लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी की एफआईआर एसएसपी की फटकार के बाद दिए गए आदेश पर दर्ज की गई है।

पुलिस का तर्क है एफआईआर में एसडीएम का नाम इसलिए हटा दिया गया क्योंकि प्रशासनिक अधिकारी होने के कारण इसकी अनुमति जिलाधिकारी से लेनी पड़ती है। बता दें कि राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम के तिवारीपुर में जालसाजी कर सरकारी जमीन बेचने के मामले में पूर्व एसडीएम बीकेटी और गुडम्बा थाने के एक सब इंस्पेक्टर (दारोगा) का नाम आने पर आलाधिकारी अब दोनों को बचाने में जुट गए थे। पीड़ितों का आरोप है कि तहरीर से दोनों का नाम हटाने के लिए उन लोगों पर दबाव बनाया जा रहा था।

एयरफोर्स से रिटायर्ड फौजी सहित पांच लोग हैं पीड़ित
जानकारी के मुताबिक, अभिनेष कुमार सिंह एयरफोर्स से रिटायर्ड है, वह जानकीपुरम के तिवारीपुर में रहता है। वहीं केशव नगर निवासी कुसुम सिंह, सन्ध्या सिंह, शारदा देवी और तिवारीपुर के इम्तियाज अली का कहना है कि वर्तमान में गुडम्बा थाने में तैनात दारोगा विजय प्रताप और पूर्व एसडीएम बीकेटी समेत बीकेटी के बरगदी मगठ निवासी रतनलाल व उनका लड़का संतोष तथा मड़ियांव गांव निवासी साबिर अली ने उन लोगों को वर्ष 2011 और वर्ष 2012 में किसान खुशीराम निवासी धतिंगरा से तिवारीपुर में अलग-अलग करीब 10 हजार वर्गफुट जमीन का बैनामा करवा दिया।

जमीन के एवज में ऐंठ लिए 60 लाख रुपये
पीड़ितों के मुताबिक, जमीन के एवज में आरोपितों ने करीब 60 लाख रुपये ऐंठ लिए। इतना ही नहीं सभी को जमीन पर कब्जा भी दिलवा कर सभी प्लॉटों की बाउंड्रीवॉल करवा दी गई। पीड़ित अभिनेष ने बताया कि जब वह दिसंबर 2017 में जमीन पर भवन का निर्माण करवाने लगे इस पर लेखपाल ने यह कह कर काम रुकवा दिया कि जमीन ग्राम समाज की बंजर जमीन है। इसके बाद पीड़ितों को ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद पीड़ितों की शिकायत पर एसडीएम बीकेटी सूर्यकांत त्रिपाठी ने जांच करवाई। जिस पर सामने आया कि आरोपितों ने जालसाजी कर कई बीघे सरकारी जमीन को बेच दी है। लिहाजा एसडीएम ने 25 जुलाई को सभी आरोपितों के विरुद्ध एंटी-भूमाफिया के तहत कार्रवाई करने के लिए इंस्पेक्टर जानकीपुरम को निर्देश दिया था।

दारोगा ने लौटाए रुपये और पूर्व एसडीएम ने धमकाया
पीड़ित भूतपूर्व सैनिक के मुताबिक, ठगी का अहसास होने पर वह अधिकारी से मिल कर न्याय की गुहार लगाने पर दारोगा की शांसे फूली और वह अपने बैंक एकाउंट से चार लाख रुपये उसके खाते में ट्रांसफर किये। लेकिन ऊंची पहुंच रखने वाला पूर्व एसडीएम बीकेटी ने फोन करके पूर्व फौजी को धमकी दे डाली। जिसकी रिकार्डिंग पूर्व सैनिक के मोबाइल फोन में रिकॉर्ड हुई है। पीड़ित धमकी की रिकॉर्डिंग अधिकारियों को सुना कर न्याय की गुहार लगा रहा है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में एसडीएम बीकेटी सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहा कि जांच में सरकारी जमीन बेचने की पुष्टि हुई है। सभी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। सीओ अलीगंज दीपक कुमार सिंह ने बताया कि जांच में पता चला कि दरोगा ने चार लाख रुपये लिए थे। जिसे दरोगा ने पीड़ित के अकाउंट पर ट्रांसफर कर दिया है। इसके अलावा आगे की कार्रवाई के लिए एसडीएम बीकेटी को पत्र लिख कर साक्ष्य मांगे गए थे। साक्ष्य मिलने पर जानकीपुरम थाना प्रभारी को केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए। थाना प्रभारी जानकीपुरम उमाकांत दीपक ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद दारोगा सहित पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

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