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Sunday, 12 August 2018

मिर्जापुर में प्रशासन के संरक्षण में दबंगों ने दलितों पर ढहाया जुल्म : माले

लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने मिर्जापुर में लालगंज इलाके के कोलहा गांव में बीते शुक्रवार को दलितों पर दबंगों द्वारा फायरिंग व जानलेवा हमले की जांच रिपोर्ट रविवार को लखनऊ में जारी कर दी। साथ ही ऐलान किया कि घटना के विरोध में 13 अगस्त को मिर्जापुर कलेक्ट्रेट पर भाकपा (माले) का धरना होगा।
पार्टी के तीन सदस्यीय दल की जांच रिपोर्ट को जारी करते हुए माले राज्य सचिव सुधकर यादव ने कहा कि दलितों पर हमला सुनियोजित था और यह सबकुछ प्रशासन के संरक्षण में दबंगों द्वारा किया गया।
राज्य सचिव ने घटना का विवरण देते हुए कहा कि पूरा मामला दलितों की पुश्तैनी और सीलिंग की पट्टे में मिली जमीनों पर सवर्ण दबंगों द्वारा कब्जे का है। हलिया थानाक्षेत्र के कोलहा गांव में सीलिंग से निकली 60 बीघा जमीन का तहसील प्रसासन ने 14 दलित परिवारों को पट्टा किया था। इस जमीन समेत दलित परिवारों की लगभग 35 बीघा पुस्तैनी खतौनी की जमीन पर गांव के दबंग अम्बिका प्रसाद पांडेय का अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा है। गांव तीन वर्षों से चकबन्दी में चल रहा है। प्रशासन तीन सालों से फसल को जब्त कर पाण्डेय को सौंप देता रहा है। चकबन्दी आने के बाद दलितों ने अपनी जमीनों पर पांडेय द्वारा खेती करने का विरोध शुरू किया। दबंगो ने विरोध करने पर निहत्थी दलित महिलाओं पर प्रशासन की मौजूदगी में ट्रैक्टर चढ़ाया। इस हमले में एक दलित महिला का गर्भपात हो गया। दलितों पर फायरिग की गई, यही नहीं को घर से उठाकर उन लोगों को मारा पीटा गया, जिसका शिकार दम्पत्ति समेत तीन लोगा मौत से जूझ रहे है। इतना सब होने के बाद भी पुलिस ने दलितों की एफआईआर तक नहीं लिखी है।
गांव के दलितों में दहशत का माहौल है और प्रशासन दर्शक बना है। समाचार माध्यमों से एकतरफा और भ्रामक खबर फैलाई जा रही है, जिसमे दलितों को हमलावर बताया जा रहा है, जबकि तथ्य इसके उलट है।
राज्य सचिव ने कहा कि दलितों पर हमले की घटना के विरोध में 13 अगस्त को मिर्जापुर कलेक्ट्रेट पर भाकपा (माले) का धरना होगा। धरने को अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा संबोधित करने जाएंगे।
इसके अलावा, जनदबाव में संसद से एससी-एसटी एक्ट की पुनर्बहाली बिल के ठीक पारित होने के दिन संघियों द्वारा दिल्ली में भारत का संविधान सार्वजनिक रूप से जलाने के खिलाफ और मिर्जापुर की घटना पर 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यव्यापी प्रतिवाद किया जाएगा।
माले जांच दल में राज्य स्थायी (स्टैंडिंग) समिति के सदस्य शशिकांत कुशवाहा, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा की राष्ट्रीय पार्षद जीरा भारती और पार्टी की राज्य समिति के सदस्य नंदलाल शामिल थे।

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