तन्हा मौसम है और उदास रात है
वो मिल के बिछड़ गये ये कैसी मुलाक़ात है,
दिल धड़क तो रहा है मगर आवाज़ नही है,
वो धड़कन भी साथ ले गये कितनी अजीब बात है!
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तन्हा मौसम है और उदास रात है
वो मिल के बिछड़ गये ये कैसी मुलाक़ात है,
दिल धड़क तो रहा है मगर आवाज़ नही है,
वो धड़कन भी साथ ले गये कितनी अजीब बात है!
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