उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक विज्ञापन के दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर दिया नोटिस | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Friday, 31 August 2018

उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक विज्ञापन के दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर दिया नोटिस

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक विज्ञापनों के बारे में शीर्ष अदालत के निर्देशों के कथित उल्लंघन के मामले में आज केन्द्र, छह राज्य सरकारों और भाजपा को नोटिस जारी किया।

न्यायालय ने दिल्ली से आम आदमी पार्टी के एक विधायक की याचिका पर केन्द्र के साथ ही भाजपा शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड और टीआरएस शासित तेलंगाना को नोटिस जारी किये हैं। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुराड़ी से विधायक संजीव झा की याचिका पर नोटिस जारी करते हुये केन्द्र और अन्य पक्षकारों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि केन्द्र, भाजपा और इन राज्यों ने शीर्ष अदालत के निर्देशों का उल्लंघन करके सार्वजनिक विज्ञापन जारी किये हैं। याचिका में केन्द्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर गठित समिति को इन कथित उल्ल्ंघनों का संज्ञान लेने और उनके खिलाफ उचित कार्यवाही करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

शीर्ष अदालत ने 13 मई, 2015 को सार्वजनिक विज्ञापनों के नियमन के लिये तटस्थ और निष्पक्ष छवि वाले व्यक्तियों की तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया था। हालांकि, बाद में 18 मार्च, 2016 को न्यायालय ने अपने आदेश में संशोधन करके सरकारी विज्ञापनों में केन्द्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और राज्य के मंत्रियों की तस्वीरों के उपयोग की अनुमति दे दी थी।

शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव के मद्देनजर केन्द्र और कई राज्यों की याचिकाओं पर यह फैसला दिया था। इन राज्यों ने विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य की फोटो के प्रकाशन पर पाबंदी लगाने वाले फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad