लखनऊ: राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में इलाज कराने आये मरीजो को वीलचेयर व स्टेचर समय से उपलब्ध न मिलने पर तीमारदार खुद ही मरीज को अपने कंधे का सहारा देकर ले जाने पर मजबूर हो रहे है, कुछ ऐसा ही वाक्या रविवार को बलरामपुर चिकित्सालय में देखने को मिला। जिसमे इलाज कराने आये, जिला बस्ती के कलवारी गाँव निवासी रामशंकर चौरसिया व उनकी बेटी आरती।
बताते है कि लगभग दो महीने पहले उनके दामाद नीलेश का मारुती और मोटर साइकिल से भिड़न्त होने के कारण उस हादसे में नीलेश के पैर में गम्भीर चोटे आ गई, जिसका इलाज बलरामपुर चिकित्सालय में इलाज के दौरान उनका पैर काटा गया जोकि कि उसकी पट्टी खुलवाने के लिए रविवार को ऐमरजेन्सी वार्ड में पहुँचने पर वील चेयर व कोई मदद न मिलने पर उनकी बेटी आरती ने अपने पती को कंन्धे का सहारा देकर ऐमरजेन्सी से न्यू बिल्डिंग प्राईवेट वार्ड के प्रथम तल पर शिफ्ट किया।
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