लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने नोटबंदी से हुयी जन धन की हानि का जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताते हुये कहा कि 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री ने जो तुगलकी फरमान सुनाया था उसे जनता आज भी भूल नहीं पायी है।
श्री दुबे ने कहा कि को आरबीआई के आकडों ने नोटबंदी को टांय टाय फिस साबित कर दिया। आरबीआई बता रहा है कि नोटबंदी के बाद विमुद्रित 500 और 1000 रूपये के कुल 15 लाख 32 हजार करोड रूपये के नोट बैंको में जमा हो गये हैं। जबकि 8 नवम्बर 2016 को कुल 15 लाख 41 हजार करोड रूपये मूल्य के नोट बाजार में थे तो पीएम मोदी को यह बताना चाहिए कि उनकी नजर में जो कालाधन था, वह कहां गायब हो गया या फिर महज 10 हजार करोड रूपये की खातिर लोगो को काम धन्धे छुडाकर एटीएम और बैंको की लाइन में बेवकूफ बनाने के लिए खड़ा किया था या कोई अन्य कारण था?
श्री दुबे ने कहा कि इन आकडों से यह सिद्ध हो गया कि प्रधानमंत्री ने सवा 100 करोड किसानों, मजदूरो, बच्चों व्यापारियों और नौकरी पेशा लोगों तथा उद्योगपतियों के जनमत से विष्वासघात तो किया ही है साथ ही देश की जनता द्वारा अपनी गाढी कमाई में से पाई पाई जोडकर की गयी बचत को कालाधन बताकर जो अपमान देष की जनता का किया है उसका जवाब 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता मय सूद ब्याज के भाजपा को देगी।
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Thursday, 30 August 2018
नोटबंदी के जन-धन की हानि के लिए मोदी जिम्मेदार : रालोद
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