नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2017-18 (आकलन वर्ष 2018-19) के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त 2018 निर्धारित है। यानी अब आपके पास आज का ही दिन बचा है। अगर आप आज अपना आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। हम अपनी इस खबर में आपको विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। गौरतलब है कि केरलवासियों के लिए सीबीडीटी ने आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 15 सितंबर 2018 कर दिया है।
ऐसा न करने की सूरत में आपको दो बड़े नुकसान होंगे। पहला यह कि आपको पेनाल्टी का भुगतान करना होता और साथ ही आपकी यह पेनाल्टी किसी भी सूरत में आपको आईटीआर दाखिल करने पर वापस नहीं होगी।
अगर आप भूल वश या जानबूझकर 31 अगस्त 2018 तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको पेनाल्टी का भुगतान करना होगा जो कि अवधि के दौरान अलग अलग हो सकता है। यह पेनाल्टी आप पर आयकर की धारा 234F के अंतर्गत लगाई जाएगी।
अगर आपकी आय पांच लाख तक या उससे कम है और आप 31 अगस्त तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको 1000 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी।
वहीं 5 लाख से ज्यादा आय होने की सूरत में 31 अगस्त से एक दिन की देरी पर भी आपको 5,000 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी। हालांकि आपको इस सूरत में 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न फाइल ही करना होगा।
अगर आप अपना आईटीआर 1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक भरते हैं तो आपको 10,000 रुपये बतौर पेनाल्टी देने होंगे।
पेनाल्टी के साथ आपको देना होगा इंटरेस्ट: वहीं आपको यह बात भी मालूम होनी चाहिए कि यह पेनाल्टी किसी भी सूरत में आपको वापस नहीं की जाएगी। पेनाल्टी पर लगने वाला इंटरेस्ट (ब्याज) आयकर की धारा 234 A के अंतर्गत वसूला जाता है जो कि एक फीसद होता है। उदाहरण से समझिए।मान लीजिए आपको 11,000 रुपये बतौर कर का भुगतान करना हो तो आपको इसका एक फीसद यानी 110 रुपये पेनाल्टी के साथ इंटरेस्ट भी देना होगा। यानी 31 जुलाई के बाद आपको पेनल्टी और उस पर ब्याज के भुगतान के साथ अपना आईटीआर दाखिल करना होगा।
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