लखनऊ। राजधानी लखनऊ के विधानसभा के उस समय हड़कंप मच गया जब एक बुजुर्ग महिला अचानक आत्मदाह करने पहुंच गई। इससे पहले महिला अपने ऊपर तेल डालकर आग लगा पाती कि मौके पर मौजूद महिला कांस्टेबल शिव कुमारी, सुष्मिता यादव और सत्यभामा ने उसे दबोच लिया। आत्मदाह के प्रयास की सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता को हिरासत में लेकर हजरतगंज कोतवाली ले गई। पीड़ित ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर वह आत्मदाह कर लेगी। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
बेटे की कर दी गई थी अपहरण के बाद हत्या
जानकारी के मुताबिक, मामला आशियाना थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। विधानसभा के सामने आत्मदाह करने पहुंची सपना पत्नी किशोर कुमार निवासी M-1E/678 आशियाना कॉलोनी कानपुर रोड लखनऊ ने बताया के उसके पुत्र गुलशन कुमार की अपरहण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में मुकदमा अपराध संख्या 736/2017 धारा 306 आईपीसी, 3(2)5 SC-ST एक्ट थाना मझोला मुरादाबाद में पंजीकृत है। इस मुकदमे में विवेचक द्वारा अभियुक्तों से हमसाज होकर अपराध की निष्पक्ष विवेचना नहीं की गई। बल्कि पक्षपात करते हुए अभियुक्तों को बचाने का पूरा प्रयास किया गया।
विवेचक पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप
पीड़िता ने निष्पक्ष विवेचना के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुरादाबाद से लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक प्रार्थना पत्र दिया और अपहरण के बाद हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की। लेकिन विवेचक द्वारा कोई भी निष्पक्षता से कार्य नहीं किया गया। जबकि मौके पर मिले साक्ष्य एवं पंचनामा से लखनऊ आवास से अपहरण कर मुरादाबाद में हत्या करने के पूर्ण साक्ष्य उपलब्ध हैं। आरोप है कि पीड़िता अपना पक्ष ना रख सके इसलिए मुकदमे को कमजोर कर 10 अक्टूबर 2017 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। पीड़िता का कहना है कि अगर विवेचना सही तरीके से की जाती तो मुकदमे में धारा 302, 34 IPC में आरोप पत्र दाखिल होता। पीड़िता ने बताया कि उसके मृत पुत्र का हस्तलिखित सुसाइड नोट का मिलान कराया जाना अति आवश्यक था। लेकिन विवेचक द्वारा ये कार्रवाई भी नहीं की गई।
पुलिस पर पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता ने बताया कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई 5 बिन्दुओं की क्योरी/आपत्ति पर भी विवेचक द्वारा कोई जाँच नहीं की गई। पीड़िता ने बताया कि उसके पुत्र ने जो कपड़े पहने थे वो भी उसके घर के नहीं थे। इसकी भी जाँच पुलिस ने नहीं की। आरोप है कि अभियुक्तों ने पीड़िता के पुत्र के तीन ATM कार्ड भी चुरा लिए। इसकी जाँच भी पुलिस द्वारा नहीं की गई। इतना ही नहीं लापरवाह पुलिस ने मृत पुत्र के पास मिले सैमसंग के मोबाईल को लावा का दिखा दिया।
विवेचक पर अभियुक्तों से पांच लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप
पीड़िता का कहना है कि इस प्रकार पुलिस ने एक पक्षीय मनगढ़ंत विवेचना करते हुए अभियुक्तों की तरफ से रिश्वत प्राप्त कर ली गई। आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों की तरफ से 5 लाख रुपये की रिश्वत ली है। पुलिस और अभियुक्तों के बीच हुई रिश्वत के लिए बातचीत पीड़िता के पास है। पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने अभियुक्तों द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट ही मान लिया। कुल मिलाकर इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही और एकतरफा कार्रवाई से परेशान होकर पीड़िता ने न्याय ना मिलने के कारण आत्मदाह का प्रयास किया। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे बचा लिया।
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