नई दिल्ली। भारतीय रुपये की कीमत में गिरावट का सिलसिला जारी है। रुपये ने बुधवार को एक बार फिर 18 पैसे गिरकर 72.88 रुपये प्रति डॉलर तक पहुंच गया, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। मंगलवार को यह 72.69 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मुद्रा बाजार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों द्वारा पोर्टफोलियो निवेश में भारी कटौती और वर्ष 2019 के आम चुनावों के बारे में कुछ राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार की धारणा प्रभावित हुई है। गौरतलब है कि पिछले एक महीने के दौरान डॉलर का भाव करीब 4 रुपये तक बढ़ चुका है। रुपये में आई इस गिरावट की वजह से ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है।
इस बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरते रुपये को थामने के लिए बाजार हस्तक्षेप को लेकर वित्त मंत्रालय बराबर रिजर्व बैंक के साथ संपर्क बनाए हुए है। भारतीय रिजर्व बैंक गिरते रुपये को थामने के लिये बाजार में लगातार डॉलर बेच रहा है। यही वजह है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार जो कि अप्रैल में 426 अरब डालर पर था, अगस्त अंत तक गिरता हुआ 400.10 अरब डॉलर रह गया।
अधिकारी का कहना है कि रिजर्व बैंक के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। वित्त मंत्रालय इस मामले में सही समय पर बाजार हस्तक्षेप के लिए केंद्रीय बैंक के साथ संपर्क बनाए हुए है।
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