देहरादून। उत्तराखंड में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर करने वालों को अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना नहीं पड़ेगा क्योंकि अब वे निचली अदालतों में इसके लिए याचिका दायर कर सकेंगे। एक अधिकारी ने कहा कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की पीठ ने इस मामले पर एकल पीठ के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आदेश को पारित किया।
उच्च न्यायालय ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 को राज्य में सक्रिय कर दिया है, जो उच्च न्यायालय और सत्र अदालत को अग्रिम जमानत देने की शक्ति देता है।
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