लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने कानपुर के शिवनगर से गुरुवार सुबह हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी कमर उज जमां उर्फ डॉ.हुरैरा उर्फ कमरुद्दीन को गिरफ्तार किया था। डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान दावा किया कि कमर ने कानपुर के कलेक्टरगंज के गणेश मंदिर की रेकी की थी। गणेश विसर्जन के दौरान आतंकी हमले की तैयारी थी। कमर के मोबाइल फोन से मंदिर का विडियो भी बरामद हुआ है।
एटीएस ने देर शाम उसे लखनऊ की एक अदालत में पेश किया, जहां से उसे सात दिन की कस्टडी रिमांड पर एजेंसी के हवाले कर दिया गया। रिमांड की अवधि शुक्रवार सुबह 10 बजे से शुरू हो गई। गौरतलब है कि डीजीपी ने बताया कि असोम के जमुनामुख होजाई का रहने वाला कमर उज जमां अप्रैल 2018 में खुफिया एजेंसियों की नजर में आया, ज ब उसने सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ अपनी फोटो शेयर की। उसने खुद को हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा बताते हुए संगठन द्वारा दिए गए डॉ.हुरैरा के नाम से पोस्ट शेयर की। उसकी यह फोटो काफी वायरल हुई थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
रिमांड के दौरान कई अहम सवालों के जबाव तलाश करेगी एजेंसी
डीजीपी के मुताबिक, कमर उज जमां करीब दो माह से कानपुर में रहकर रेकी कर रहा था। कमर उज जमां ने कानपुर के कलेक्टरगंज स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का करीब साढ़े पांच मिनट का विडियो बनाया था। इसमें उसने मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र, कार्यक्रम स्थल शूट किया है। मंदिर में 13 से 23 सितंबर तक गणेश उत्सव का आयोजन है।
उसने शिव नगर में किराए का घर लिया था। वह यहां करीम के नाम से रह रहा था। उसने हिजबुल से जुड़े होने की बात कबूली है। पूछताछ में संदिग्ध आतंकी ने बताया कि अप्रैल 2017 में वह कश्मीर में ओसामा बिन जावेद नामक व्यक्ति से मिला था। उसके जरिए ही वह हिजबुल के संपर्क में आया। उसे किश्तवाड़ के ऊपरी पहाड़ के जंगलों में ट्रेनिंग दी गई। कमर उज जमां की गिरफ्तारी के बाद जम्मू पुलिस ने यूपी एटीएस से संपर्क कर बताया है कि ओसामा और कमर जून 2017 से कश्मीर से गायब हैं। ओसामा को अब तक एजेंसियां ट्रेस नहीं कर पाई हैं। एटीएस उसे रिमांड पर लेने के बाद यह पूछताछ करेगी कि उसने दो माह के दौरान कहां-कहां और रेकी की है।
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