लखनऊ। राजधानी लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र स्थित कमता चौकी अंतर्गत अजय नगर में संचालित धर्मार्थ चिकित्सालय में शुक्रवार को डॉक्टर और कंपाउंडर की लापरवाही से एक मासूम की जान चली गई। पेट दर्द की शिकायत पर उसे कई इंजेक्शन दे दिए गए, जो उसकी जान पर भारी पड़ गया। आरोप है कि डॉक्टरों ने सिर्फ दो घंटे में कई इंजेक्शन लगाए। जब बच्चे की मौत हो गई तो डॉक्टर पीड़ित परिवार को वहां से भगाने लगा। भीड़ जुटता देख डॉक्टर क्लिनिक से भाग निकला।इस मामले में डॉ. शशिकांत का कहना है कि हालत बिगड़ने पर लोहिया अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी लेकिन परिजन नहीं ले गए। थाना प्रभारी चिनहट राजकुमार ने बताया कि पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का मामला दर्ज कर से गिरफ्तार कर लिया है। परिजनों का आरोप है कि पेट दर्द की शिकायत पर मासूम को डॉक्टर ने सिर्फ दो घंटे में कई इंजेक्शन लगा दिए इससे उनके बेटे ने तड़पकर दम तोड़ दिया।
रसूख के चलते चिकित्सालय पर नहीं होती कोई कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, धर्मार्थ चिकित्सालय के पास ही बनी कल्याणी विहार कॉलोनी में राजमिस्त्री संतोष परिवार संग रहता है। उसने बताया कि शुक्रवार भोर में करीब पांच बजे उनके बेटे (8) के पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। संतोष उसे लेकर धर्मार्थ चिकित्सालय पहुंचे। डॉक्टर के नहीं मिलने पर कंपाउडर ने बच्चे की हालत को नाजुक बताते हुए उसे भर्ती कर लिया। आरोप है कि कंपाउंडर ने पहले इंजेक्शन दिए। हालत बिगड़ी तो कुछ देर में डॉक्टर शशिकांत भी पहुंच गए। उन्होंने मोनू को कई इंजेक्शन लगाए, जिसके कारण उसकी हालत और गंभीर हो गई और कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। पीड़ित पिता ने बताया कि हम डॉक्टर से गुहार लगाते रहे लेकिन डॉक्टर ने रेफर नहीं किया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, धर्मार्थ चिकित्सालय में कई बार ऐसी घटना हो चुकी है। गलत इलाज के चलते कई मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इसकी तमाम शिकायतों के बावजूद क्लीनिक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। लोगों ने बताया कि धर्मार्थ चिकित्सालय के डॉक्टर शशिकांत के स्वास्थ्य विभाग के कई रसूखदार से अच्छे संबंध होने के कारण शिकायत करने पर भी चिकित्सालय पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती है।
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