—सृष्टि के स्थान पर माता पिता की परिक्रमा कर श्री गणेश ने समाज मे आदर्श मूल्यों की स्थापना की : अवनीश
शाहजहांपुर। गणेश चर्तुथी के अवसर पर स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में गणेश स्थापना की गई। इस अवसर पर बोलते हुये महाविद्यालय प्राचार्य डॉ अवनीश मिश्र ने कहा कि “भगवान गणेश विघ्न नाशक और मंगल कारी है,जिन कार्यो का प्रारम्भ उनके नाम से होता है उसकी सफलता तय है।वर्तमान समय मे उनके स्वरूप में पूरा प्रबन्धकीय दृष्टिकोण समाया हुआ है,जो कुशल नेतृत्व क्षमता,तकनीक कौशल से परिपूर्ण है।यही नही अपितु सृष्टि के स्थान पर माता पिता की परिक्रमा कर उन्होंने समाज मे आदर्श मूल्यों की स्थापना की।” उन्होंने कहा कि “भाद्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश उत्सव का प्रारम्भ होता है,ज्योतिष शास्त्र में भी भगवान गणेश को चतुर्थी का स्वामी कहा गया है।निष्काम भाव से उनकी आराधना असीम फल को देने वाली है।” कला संकाय प्रभारी डॉ आलोक मिश्र ने कहा कि “आधुनिक काल मे गणपति उत्सव का प्रारम्भ राष्ट्रीय आंदोलन के फलस्वरूप हुआ।वर्ष 1896 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने समाज मे राष्ट्रीय और धर्मिक चेतना के प्रसार के उद्देश्य से महाराष्ट्र में वयापक पैमाने पर गणपति उत्सव प्रारम्भ किये।यह उत्सव अपने लक्ष्य में पूर्ण सफल रहे क्योंकि इन्ही के परिणाम स्वरूप महराष्ट्र में राष्ट्रीय चेतना तेजी से फैली और धर्म मे पुनर्जागरण का प्रभाव द्रष्टिगोचर हुआ,आने वाले समय मे इसी उत्सव के कारण महाराष्ट्र ने राष्ट्रीय स्तर पर चलने वाले ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों का नेतृत्व किया।मंत्रोचारण डॉ.श्रीकांत मिश्रा ने किया।इस अवसर पर कार्यक्रम सयोंजक डॉ.दीपक सिंह डॉ.मधुकर श्याम शुक्ल,डॉ आदित्य सिंह,डॉ आदर्श पांडेय,डॉ आलोक कुमार सिंह,डॉ विकास खुराना,सन्दीप अवस्थी,डॉ विशाल पांडेय,डॉ रामशंकर,डॉ बरखा सक्सेना,अंकित अवस्थी,डॉ मनोज मिश्रा,डॉ अर्चना गर्ग इत्यादि उपस्थित थे।
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Thursday 13 September 2018
गणेश चर्तुथी पर एस.एस.कालेज में की गई श्री गणेश स्थापना
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