मुकदमे से बचने के लिए इंस्पेक्टर ने मौके पर ही 2.39 लाख रुपये असेसमेंट जमा कर दिया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार इस समय बिजली चोरों को पकड़ने में जुटी है। बिजली चोरी का एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसे सुनकर आप भी चौंक जायेंगे। दरअसल जनसुनवाई पोर्टल (आईवीआरएस) पर आई शिकायत के बाद बिजली विभाग की टीम ने पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर के यहां मीटर की जांच कराई गई तो सात किलोवॉट की बिजली चोरी मिली। जांच टीम ने पाया कि मीटर बाईपास करके दीवार के भीतर से केबल डालकर बिजली चोरी की जा रही थी। बताया जा रहा है कि इन्स्पेक्टर स्वयं को सीबीआई का इंस्पेक्टर बताकर किसी भी बिजली कर्मचारी को घर में प्रवेश नहीं करने देते थे।
मुकदमे से बचने के लिए जमा किये 2.39 लाख
मुंशी पुलिया के अधिशासी अभियंता अनूप कुमार ने बताया कि 25 ए, हरिहर नगर, इंदिरा नगर निवासी राजेंद्र कुमार सचान स्वयं को सीबीआई का इंस्पेक्टर बताकर घर में प्रवेश नहीं करने देते थे। बिजली विभाग की टीम ने जब इस घर में लगे मीटर की जांच की तो हकीकत सामने आई। राजेंद्र ने पत्नी सुशीला सचान के नाम दो किलोवॉट का कनेक्शन ले रखा है।
अधिशासी अभियंता ने बताया कि डेढ़ हजार स्क्वायर फीट के मकान में तीन एसी, कई पंखे, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कूलर व अन्य उपकरण चोरी की बिजली से चलते थे। बिजली महकमे को शक न हो, उसके लिए हर माह डेढ़ से दो हजार का बिल भी नियमित रूप से जमा हो रहा था। इंस्पेक्टर के घर से सात किलोवॉट की चोरी पकड़ी गई है। मुकदमा दर्ज न हो, उसके लिए स्वयं को इंस्पेक्टर बताने वाले राजेंद्र कुमार ने तुरंत शमन शुल्क व 2.39 लाख का असेसमेंट जमा कर दिया। चोरी मिलते ही स्वयं को कभी सीबीआइ तो कभी उत्तर प्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर बताने वाले राजेंद्र कुमार सचान ने अपनी गलती मानते हुए शमन शुल्क व बिजली विभाग द्वारा एक साल का असेसमेंट देने में कोई आनाकानी नहीं की।
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