Parakram Parv Shayari | पराक्रम पर्व शायरी | Alienture हिन्दी

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Wednesday 26 September 2018

Parakram Parv Shayari | पराक्रम पर्व शायरी

Parakram Parv Shayari In Hindi | Happy Parakram Parv Shayari | पराक्रम पर्व शायरी

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कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहरायेंगे हर जगह यह तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है
पराक्रम पर्व की शुभकामना

Parakram Parv Shayari In Hindi

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चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले
जिसमे बहकर आज़ादी पहुची थी किनारे पे
देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर लें
पराक्रम पर्व की शुभकामना

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ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में भी लिपट कर
सोने में सिमटकर मरे हैं कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता
पराक्रम पर्व की शुभकामना

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आओ झुक कर सलाम करे उनको
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है
खुशनसीब होता है वो खून
जो देश के काम आता है
हैप्पी पराक्रम पर्व

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नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना
खुद के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना
पराक्रम पर्व की शुभकामना

Happy Parakram Parv Shayari

Parakram Parv Shayari In Hindi | Happy Parakram Parv Shayari | पराक्रम पर्व शायरी
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यही ख्वाहिश खुदा हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना
न दे दौलत न दे शोहरत, कोई शिकवा नही हमको
झुका दूँ सर मै दुश्मन का यही हिम्मत का घन देना
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना
पराक्रम पर्व की शुभकामना

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दाग गुलामी का धोया है जान लुटा कर
दीप जलाये है कितने दीप बुझा कर
मिली है जब ये आज़ादी तो फिर से इस आज़ादी को
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर
पराक्रम पर्व की शुभकामना

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मैं इसका हनुमान हूँ
ये देश मेरा राम है
छाती चीर के देख लो
अन्दर बैठा हिन्दुस्तान है
जय हिंदी जय भारत
हैप्पी पराक्रम पर्व

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हौसला बारूद रखते हैं
वतन के कदमो मे जान मौजूद रखते हैं
हस्ती तक मिटा दे दुशमन की
हम फौजी है फौलादी जिगर रखते हैं
हैप्पी पराक्रम पर्व

Parakram Parv Picture Shayari

Parakram Parv Shayari In Hindi | Happy Parakram Parv Shayari | पराक्रम पर्व शायरी
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जिस ज़िंदगी को तुने “फ़िक्र” में जिया
उस ज़िंदगी को उसने “फक्र” से जिया
अंतर बस इतना था की
तू जिया “वेतन” के लिए और
वो जिया “वतन” के लिए
हैप्पी पराक्रम पर्व

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मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
पराक्रम पर्व की शुभकामना

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लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लायेगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
पराक्रम पर्व की शुभकामना

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आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे
पराक्रम पर्व की शुभकामना

Parakram Parv Shayari In Images

Parakram Parv Shayari In Hindi | Happy Parakram Parv Shayari | पराक्रम पर्व शायरी

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