लखनऊ। पूर्व राज्यमंत्री शारदा प्रताप शुक्ल के किला गांव में किए गए अवैध निर्माण को अब लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी नहीं बचा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शारदा की याचिका को खारिज कर दिया है। दूसरी ओर हाईकोर्ट ने एलडीए को निर्माण तोड़ने के लिए जो चार सप्ताह की मियाद दी थी वह भी पूरी हो चुकी है। इसमें पूर्व मंत्री के खिलाफ अदालती लड़ाई जीतने वाले याचिकाकर्ता बृजभान सिंह यादव का कहना है कि एलडीए के अधिकारियों ने बहुत जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अगर एक सप्ताह की भी देरी हुई तो वे हाईकोर्ट में अवमानना वाद दायर करेंगे।
शारदा प्रताप शुक्ल के किला गांव आशियाना स्थित घर-दुकानें तोड़ने का आदेश हाईकोर्ट ने पिछले महीने की शुरुआत में एलडीए को दिया था। किला मोहम्मदी नगर की खसरा संख्या 249 पर पूर्व मंत्री की दावेदारी हाईकोर्ट ने खारिज की थी। इसके अलावा कोर्ट ने अपने ही आदेश पर खाली कराई गई खसरा संख्या 250, 251 की जमीन से भी बाकी निर्माण को भी तोड़ने का निर्देश दिया था। मगर प्राधिकरण ने मंत्री को पूरा मौका दिया। ताकि वे अपना अवैध निर्माण बचा सकें। मगर पांच अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री की याचिका खारिज की। याचिकाकर्ता बृजभान सिंह यादव ने बताया कि प्राधिकरण के अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई है। उन्होंने कहा है कि वे जल्द ही कार्रवाई करेंगे। उम्मीद है कि सोमवार से कार्रवाई होगी।
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