बख्शी का तालाब, लखनऊ,। बीकेटी में होने वाली रामलीलाओं में सीतापुर रोड स्थित बख्शी का तालाब की रामलीला का प्रमुख स्थान है। त्रिपुरचंद बख्शी के बनवाये तालाब (बख्शी का तालाब) के मैदान में होने वाली रामलीला की मिशाल न केवल हिन्दुस्तान में अपितु विदेशों में भी दी जाती है।यहाँ पर साम्प्रदायिक का शानदार नमूना देखने को मिलता है।
बीकेटी रामलीला की खास बात यह है कि रामलीला मंचन के सभी महत्वपूर्ण किरदार जैसे राम,लक्ष्मण,जानकी और रावण के पात्रों की अदायगी मुश्लिम कलाकार ही निभाते है। राम लीला मंचन में समां तब बंधता है जब तुलसीदास की श्री रामचरित्र मानस के संवादों में उर्दू में बोलने वाली जुबा की मिठास घुलती है। रामलीला समिति और दशहरा मेले के संयोजक का कहना है कि वर्ष 1972 में रुदही ग्राम पंचायत के तत्कालीन ग्राम प्रधान मैकूलाल यादव और डॉ मुजफ्फर ने इस रामलीला की नीव रखी थी।फिर इस परम्परा को बरकरार उनके पुत्र विदेश पाल यादव व मन्सूर अहमद ने आगे बढ़ाया। 2009 में रामलीला की जिम्मेदारी नगर पंचायत प्रशासन को मिल गयी।नगर पंचायत बख्शी का तालाब के चेयरमैन अरुण सिंह(गप्पू) भईया ने बताया कि यहां की प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी । खाशियत शिव बरात है। जिसमें गाजे-बाजे के साथ ऊंट,हांथी व घोड़े सामिल होते है।शुरुआत में मुसलमानों ने शौकिया तौर पर किरदार निभाये,फिर यही शौक बन गया।रामलीला में दशरथ नंदन की भूमिका सलमान खान,लक्ष्मण अरबाज खान,जनक शेर खान,भरत मो.सरवर,लंकेश नशिम,मेघनाद साहिल और कौशल्या का किरदार सैयद जैदी निभाते है।ये कलाकार लम्बे अर्से से रामलीला से जुड़े हुए है।तकरीबन 46 साल पुरानी यह रामलीला हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल है।
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Thursday, 18 October 2018
यहां मुस्लिम निभाते है राम-रावण का किरदार, उर्दू में बोले जाते संवाद
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