नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट से योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को बड़ी राहत मिली है। कंपनी पर नोएडा के फूडपार्क बनाने में 3 हजार पेड़ काटने का आरोप था। मामले में कंपनी ने आरोपों से इंकार किया था। मामले में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि डीएम मामले की जांच कर काटे गए पेड़ों का मुआवजा तय करें।
बता दें यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के लिए सरकार ने याचियों को पट्टे पर दी गयी जमीन वापस अधिगृहीत की थी। औसाफ़ व 8 अन्य की ओर से ये याचिका दाखिल की गई थी। याचिका के अनुसार एसडीएम ने 1995 में याचियों को पेड़ लगाने के लिए पट्टे पर जमीन दी थी। याचियों ने इस दौरान जमीन पर हजारों पेड़ लगाए। लेकिन बाद में सरकार ने पट्टा निरस्त कर दिया। कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने निरस्तीकरण आदेश वापस लिया।
इसके बाद सरकार ने ग्राम सभा की जमीन वापस वापस ले ली। यही जमीन यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को औद्योगिक विकास के लिए दी गई। इसी में से अथॉरिटी ने बाबा रामदेव की कम्पनी को जमीन का आवंटन किया। मामले में 3 हजार से अधिक पेड़ काटने पर मुआवजे की मांग में याचिका दाखिल हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राजस्व संहिता नियमावली के नियम 55(3) के तहत पेड़ लगाने वालों को मुआवजा पाने का हक है।
अथॉरिटी ने कहा कि याची की जमीन कम्पनी को आवंटित नहीं की गई है। कम्पनी ने भी कहा उन्हें याचियों की जमीन नहीं मिली है। सुनवाई के दौरान पेड़ किसने काटा, ये तय नहीं हो सका। इसके बाद कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए डीएम को मुआवजा तय कर भुगतान करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने ये आदेश दिया।
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