पैरवी और पहुंच के बल पर वर्षों से जमे 93 पुलिसकर्मी को जोन ट्रांसफर की अनुसंशा
>> मृत महिला सिपाही सविता पाठक को छुट्टी नहीं देने के मामले में 3 पुलिस पदाधिकारी निलंबित
>> जांच हो रहीं हैं और साक्ष्य आएं तो और पर होगी कार्रवाई -आईजी
पटना ( अ सं ) ।महिला सिपाही की मौत के बाद पटना पुलिस में हुये विद्रोह और हिंसक वारदात में पटना जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां ने ऐसी कार्रवाई की है जो बिहार पुलिस के इतिहास में पहली बार हैं । आईजी एन एच आंख ने अनुशासन तोड़ने और घटना में शामिल 167 रंगरूट सिपाही और 8 पुराने सिपाही को सीधे सेवा से बर्खास्त कर दिया हैं । वहीं घटना में शामिल पुलिस लाईन में पदस्थापित 23 को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया हैं ।इसके साथ ही जोनल आईजी ने दस वर्षों से पैरवी और पहुंच के बल पर पुलिस लाईन में जमे 93 पुलिसकर्मी को जोन ट्रांसफर करने की अनुसंशा ,पुलिस मुख्यालय से किया हैं ।
डीजीपी के एस द्विवेदी के आदेश पर जांच कर रहें पटना जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खां ने प्रथम दृष्टा के जांच में यह पाया हैं की छुट्टी नहीं देने का आरोप कहीं न कहीं सही पाया गया हैं । इसमें लापरवाही बरती गयी हैं । इसको लेकर तीन पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया गया हैं । आईजी ने कहां की पुलिस मुख्यालय से हमें जांच और कार्रवाई दोनों की जिम्मेदारी दी गयी थीं । वीडियो फुटेज और साक्ष्य ,आधारित कार्रवाई की गयी हैं । यह जांच अभी और चलेगी । जो भी और लोग इसके दायरे में दोषी पाएं जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी । किसी को बक्शा नहीं जायेगा । पुलिस लाईन में कुल 4 एफआईआर दर्ज हुये हैं उसका अलग से अनुसंधान और कार्रवाई चलेगी ।
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