लखनऊ। अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की प्रतिमा धार्मिक नगरी को नि:संदेह नई पहचान दिलाएगी। 151 मीटर ऊंची धातु निर्मित भगवान राम की प्रतिमा और उसके निकटवर्ती क्षेत्र के विकास पर लगभग आठ सौ करोड़ खर्च का आकलन किया गया है। यह आकलन राजकीय निर्माण निगम का है, जिसे राम की प्रतिमा स्थापना का कार्य सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार भगवान राम की प्रतिमा के लिए फिलहाल यही खाका अब तक खींचा गया है। इस तरह की डिजाइन तैयार करवाने के लिए आर्किटेक्ट के नाम पर अभी सीएम की मुहर लगनी है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भगवान राम की प्रतिमा के ऊपर मंदिरनुमा छतरी लगाने की तैयारी है। साथ ही प्रतिमा के अभिषेक एवं माल्यार्पण के लिए उसके बाहर से मंदिर के लुक की कैप्सूलनुमा व्यवस्था की जानी है। प्रतिमा के लिए करीब 50 मीटर लंबा-चौड़ा प्लेटफार्म होगा। इसमें देश-विदेश की रामकथा का अंकन अयोध्या आने वाले पर्यटकों के लिए होगा। फोरलेन ओवरब्रिज से रेलवे ओवरब्रिज के बीच का क्षेत्र प्रतिमा लगाने के लए चयनित किया गया है, जो करीब 20 हेक्टेयर होगा। पार्क के तौर पर विकसित किए जाने के लिए इसमें आने वाली किसानों की जमीन का मुआवजा दिया जाएगा।
योगी सरकार ने राम की पैड़ी की रीमॉडलिंग परियोजना को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री से शिलान्यास कराने की सिंचाई विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है। 29 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री से कराया जाना है। मुख्यमंत्री को छह नवंबर को अयोध्या आना है। कार्तिक मेला के बाद रीमॉडलिंग परियोजना पर कार्य शुरू होगा। राम की पैड़ी की क्षमता 240 क्यूसेक की जानी है। सरयू नदी से पानी लिफ्ट करने की क्षमता बढ़ जाने से राम की पैड़ी में अविरल प्रवाह बनाए रखने का दावा सिंचाई विभाग के इंजीनियर करते हैं।
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