एसिडिटी के कारण, लक्षण, उपचार और उपाय | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Thursday 29 November 2018

एसिडिटी के कारण, लक्षण, उपचार और उपाय

Acidity Ke Karan Lakshan Upchar Upay | हम जो खाना खाते हैं, उसका सही तरह से पचना बहुत ज़रूरी होता है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को स्रावित करता है जो पाचन के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा में निर्मित होता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और फैरिंक्स और पेट के बीच के पथ में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। इस हालत को एसिडिटी या एसिड पेप्टिक रोग के नाम से जाना जाता है।

यह भी पढ़े – ये 12 संकेत बताते है की हो सकती है आपको डायबिटीज़

Acidity Karan Lakshan Upchar Upay

एसिडिटी होने के कारण | Acidity Ke Karan

एसिडिटी के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार है –

  • खान पान में अनियमितता
  • खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना।
  • अधिक मसालेदार और जंक फ़ूड आहार का सेवन करना।
  • हड़बड़ी में और तनावग्रस्त होकर भोजन करना।
  • सुबह सुबह अल्पाहार न करना और लंबे समय तक भूखे रहना।
  • अधिक शराब का सेवन करना।
  • कुछ अंग्रेजी दर्द निवारक गोलियां भी एसिडिटी रोग उत्पन्न करती हैं।

एसिडिटी के लक्षण | Acidity Ke Lakshan

एसिडिटी के सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं।

  • पेट में जलन का एहसास
  • सीने में जलन
  • मतली का एहसास
  • डकार आना
  • खाने पीने में कम दिलचस्पी
  • पेट में जलन का एहसास

एसिडिटी के आयुर्वेदिक उपचार | Acidity Ke Ayurvedic Upchar 

एसिडिटी होने पर आप निम्न आयुर्वेदिक उपचार कर सकते है-

  • अदरक का रस: नींबू और शहद में अदरक का रसमिलाकर पीने से, पेट की जलन शांत होती है।
  • अश्वगंधा: भूख की समस्या और पेट की जलन संबधित रोगों के उपचार में अश्वगंधा सहायक सिद्ध होती है।
  • बबूना: यह तनाव से संबधित पेट की जलन को कम करता है।
  • चन्दन: एसिडिटी के उपचार के लिए चन्दन द्वारा चिकित्सा युगों से चली आ रही चिकित्सा प्रणाली है। चन्दन गैस से संबधित परेशानियों को ठंडक प्रदान करता है।
  • चिरायता: चिरायता के प्रयोग से पेट की जलन और दस्त जैसी पेट की गड़बड़ियों को ठीक करने में सहायता मिलती है।
  • इलायची: सीने की जलन को ठीक करने के लिए इलायची का प्रयोग सहायक सिद्ध होता है।
  • हरड: यह पेट की एसिडिटी और सीने की जलन को ठीक करता है ।
  • लहसुन: पेट की सभी बीमारियों के उपचार के लिए लहसून रामबाण का काम करता है।
  • मेथी: मेथी के पत्ते पेट की जलन में सहायक सिद्ध होते हैं।
  • सौंफ: सौंफ भी पेट की जलन को ठीक करने में सहायक सिद्ध होती है। यह एक तरह की सौम्य रेचक होती है और शिशुओं और बच्चों की पाचन और एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी मदद करती है।

एसिडिटी के घरेलू उपचार | Acidity Ke Gharelu Upchar

एसिडिटी होने पर आप निम्न घरेलु उपचार कर सकते हैं –

  • विटामिन बी और ई युक्त सब्जियों का अधिक सेवन करें।
  • व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ करते रहें।
  • खाना खाने के बाद किसी भी तरह के पेय का सेवन ना करें।
  • बादाम का सेवन आपके सीने की जलन कम करनेमें मदद करता है।
  • खीरा, ककड़ी और तरबूज का अधिक सेवन करें।
  • पानी में नींबू मिलाकर पियें, इससे भी सीने की जलन कम होती है।
  • नियमित रूप से पुदीने के रस का सेवन करें ।
  • तुलसी के पत्ते एसिडिटी और मतली से काफी हद तक राहत दिलाते हैं।
  • नारियल पानी का सेवन अधिक करें
  • शाह जीरा अम्लता निवारक होता है। डेढ लिटर पानी में २ चम्मच शाह जीरा डालें । 10-15 मिनिट उबालें। यह काढा मामूली गरम हालत में दिन में ३ बार पीयें। एक हफ़्ते के प्रयोग से एसिडीटी नियंत्रित हो जाती है।
  • भोजन पश्चात थोडे से गुड की डली मुहं में रखकर चूसें। हितकारी उपाय है।
  • सुबह उठकर 2-3 गिलास पानी पीयें। आप देखेंगे कि इस उपाय से अम्लता निवारण में बडी मदद मिलती है।
  • तुलसी के दो चार पत्ते दिन में कई बार चबाकर खाने से अम्लता में लाभ होता है।
  • एक गिलास जल में २ चम्मच सौंफ़ डालकर उबालें।रात भर रखे। सुबह छानकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पीयें। एसिडीटी नियंत्रण का उत्तम उपचार है।
  • आंवला एक ऐसा फ़ल जिससे शरीर के अनेकों रोग नष्ट होते हैं। एसिडीटी निवारण हेतु आंवला क उपयोग करना उत्तम फ़लदायी है।
  • पुदिने का रस और पुदिने का तेल पेट की गेस और अम्लता निवारक कुदरती पदार्थ है। इसके केप्सूल भी मिलते हैं।
  • फ़लों का उपयोग अम्लता निवारंण में महती गुणकारी है। खासकर केला,तरबूज,ककडी और पपीता बहुत फ़ायदेमंद हैं।
  • 5 ग्राम लौंग और 3 ग्राम ईलायची का पावडर बना लें। भोजन पश्चात चुटकी भर पावडर मुंह में रखकर चूसें। मुंह की बदबू दूर होगी और अम्लता में भी लाभ होगा।
  • दूध और दूध से बने पदार्थ अम्लता नाशक माने गये हैं।
  • अचार,सिरका,तला हुआ भोजन,मिर्च-मसालेदार चीजों का परहेज करें। इनसे अम्लता बढती है। चाय,काफ़ी और अधिक
  • बीडी,सिगरेट उपयोग करने से एसिडिटी की समस्या पैदा होती है। छोडने का प्रयास करें।
  • एक गिलास पानी में एक नींबू निचोडें। भोजन के बीच-बीच में नींबू पानी पीते रहें। एसिडिटी का समाधान होगा।
  • आधा गिलास मट्ठा( छाछ) में 15 मिलि हरा धनिये का रस मिलाकर पीने से बदहजमी ,अम्लता, सीने मे जलन का निवारन होता है।
  • सुबह-शाम 2-3 किलोमिटर घूमने से तन्दुरस्ती ठीक रहती है और इससे अम्लता की समस्या से निपटने में भी मदद मिलती है।

एसिडिटी से बचाव के उपाय |  Acidity Ke Upay

एसिडिटी से बचने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं –

  • गैप लेकर खाएं – पेटभर खाने की बजाय दिन में 4 से 6 बार कई हिस्सों में खाना खाएं।
  • खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं – खाना खाने के तुरंत बाद पानी न पीकर आधे से एक घंटे के बाद एक गिलास पानी पिएं।
  • सुबह उठते ही पानी पिएं – सुबह जल्दी उठकर एक गिलास पानी पीने से पेट में रात में बना एसिड साफ़ होता हैं।
    पर्याप्त नींद लें – रात को कम से कम 7 या 8 घंटे की नींद जरूर लें। इससे डाइजेशन सही रहता है जिससे एसिडिटी कंट्रोल रहती है।
  • मसालेदार खाना अवॉयड करें – ज्यादा मिर्च-मसालेदार खाना अवॉइड करें। ज्यादा मसालेदार खाने से बॉडी में एसिड की मात्रा बढ़ती है।
  • दवाइयां खाली पेट ना लें – कुछ दवाइयां एसिडिटी की वजह बन जाती हैं। इन्हें खाली पेट न लें।
  • वजन कंट्रोल करें – वजन बढ़ने के कारण डाइजेशन खराब होता है। इसलिए एक्सरसाइज या योगा की मदद से जल्द से जल्द वजन कंट्रोल करें।

अन्य संबंधित लेख

Acidity Ke Karan Lakshan Upchar Upay

The post एसिडिटी के कारण, लक्षण, उपचार और उपाय appeared first on AjabGjab.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad