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Wednesday 28 November 2018

नई दिल्ली,नए मानकों से शहरों में बसों का सफर होगा अरामदेह और सुरक्षित

  -बसों व स्कूल बसों में फायर डिटेक्शन व अलार्म सिस्टम लगेगा
-दिव्यांगों के लिए रैम्प व व्हीलचेयर का होगा इंतजाम
”नीरज अवस्थी”
नई दिल्ली, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चैन्नई सहित बड़े शहरों में लो फ्लोर बसों (सिटी बस) का सफर आरामदेय और सुरक्षित होने जा रहा है। सरकार बस निर्माण में संरक्षा के अंतराष्ट्रीय स्तर के नए मानक लागू करने जा रही है। इसमें प्रमुख रूप से बसों में फायर डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम, दिव्यांगों के लिए रैम्प, व्हीलचेयर, इमरजेंसी लाइटिंग सिस्टम, टीवी मॉनिटर आदि शामिल है। संरक्षा के नए नियम सार्वजनिक परिवहन की लो फ्लोर बसों सहित स्कूल बसों में लागू होंगे।सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 22 नवंबर को अंतिम प्रारूप जारी करते हुए सभी हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। इसके पश्चात दिसंबर अंत तक मंत्रालय लो फ्लोर बस-स्कूली बसों के नए संरक्षा मानक संबंधी अधिसूचना जारी कर देगा। विदित हो कि वर्तमान में दिल्ली सहित देश के अन्य शहरों में चल रही लो फ्लोर बसों में संरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। नए काननू लागू होने पर वाहन निर्माता कंपनियों को बसों में उक्त संरक्षा उपाय लागू करने होंगे।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फायर डिटेक्शन एंड अलार्म सिस्टम बस में धुंआ उठाने पर अलार्म बजा देगा। इसके साथ ही आग बुझाने के उपकरण बस में रखने होगे। सार्वजनिक परिवहन की लो फ्लोर बसों में दिव्यांगों, बुर्जगों के लिए रैम्प व व्हीलचेयर का इंतजाम होगा। जिससे उन्हें बस में चढ़ने-उतरने में दिक्कत नहीं होगी। बसों में दो सीट के बीच अधिक जगह रखनी होगी। जिससे यात्रियों को पेरशानी नहीं हो।इमरजेंसी लाइटिंग सिस्टम होगा जोकि जरुरत पड़ने पर ड्राइवर बस के यात्रियों को अलर्ट कर सकेगा।यह सिस्टम इमरजेंसी गेट से जुड़ा होगा जोकि बटन दबाने पर स्वत: खुल जांएगे। खास बात यह है कि नए मानक में बस के इंजन में शोर, झटका, कंपन आदि का स्तर बहुत निम्म होना चाहिए। जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। टीवी मॉनिटर मनोरंजन के साथ इमरजेंसी में उद्घोषणा व निर्देश देने का काम करेगा।

–परिवहन विशेषज्ञ एस. पी. सिंह ने सरकार के इस फैसले को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन की बसों में हर रोज यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों का सफर अरामदेह व सुरक्षित बन सकेगा। नए संरक्षा मानक में स्कूली बसों को शामिल करना स्कूली बच्चों को सुरक्षित बनाएगा। हालांकि इससे बस निर्माण की लागत बढ़ जाएगी और भविष्य में किराया बढ़ने की संभावना रहेगी।

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