Bewafa Shayari in Hindi - If you are feeling sad and broken. And if you are still searching Bewafa Shayari in Hindi. Then you are at the correct page. As we have all the fresh Shayari you need.
1. अब के अब तस्लीम कर लें तू नहीं तो मैं सही, कौन मानेगा कि हम में से बेवफा कोई नहीं|
2. मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने, किसी की बेवफाई ने किसी के झूठे वादों ने|
3. महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए, ये दुनिया की रस्म है मोहब्बत न समझ लेना|
4. मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो|
5. इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो|
6. खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को, दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी|
7. जाते जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे, जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर है|
8. वाकिफ तो थे तेरी बेवफ़ाई की आदत से, चाहा इसलिए कि तेरी फितरत बदल जाये|
9. हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम, होने लगे तो कुछ कुछ बेवफा से तुम|
10. उँगलियाँ आज भी इसी सोच में गुम हैं, कि कैसे उसने नए हाथ को थामा होगा|
11. कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को, यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है|
12. मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला, अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता|
13. बंद कर देना खुली आँखों को मेरी आ के तुम, अक्स तेरा देख कर कह दे न कोई बेवफा|
14. मेरी वफा फरेब थी मेरी वफा पे खाक डाल| तुझसा ही कोई बावफा तुझको मिले खुदा करे|
15. हो सके तो मुड़ कर देख लेना जाते जाते, तेरे आने के भरम में ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे|
16. हम जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये दोस्त, हजारों चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते|
17. कोई नहीं याद रखता वफ़ा करने वालों को, मेरी मानो बेवफा हो लो जमाना याद रखेगा|
18. सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने , हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है|
19. उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है|
20. समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी|
21. कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त, बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर|
22. हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया, गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया|
23. रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो, ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो|
24. इलाही क्यूँ नहीं उठती क़यामत माजरा क्या है, हमारे सामने पहलू में वो दुश्मन के बैठे हैं|
25. इस दौर में की थी जिस से वफ़ा की उम्मीद, आखिर को उसी के हाथ का पत्थर लगा मुझे|
26. दिल क्या मिलाओगे कि हमें हो गया यक़ीं, तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जाएगा|
27. उसकी ख्वाहिश है कि आँगन में उतरे सूरज, भूल बैठा है कि खुद मोम का घर रखता है|
28. तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी, वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी, ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है, तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी|
29. जो हुकुम करता है वो इल्तज़ा भी करता है, आसमान भी कहीं जाकर झुका करता है, और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले, इन्तज़ार मेरा कोई वहाँ भी करता है|
30. रहने दे ये किताब तेरे काम की नहीं, इस में लिखे हुए हैं वफाओं के तज़करे|
31. अगले बरसों कि तरह होंगे करीने तेरे, किसे मालुम नहीं बारह महीने तेरे|
32. अब देखिये तो किस की जान जाती है, मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है|
33. कैसे यकीन करें हम तेरी मोहब्बत का, जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से|
34. जा तुझ को तेरे हाल पे छोड़ा, इस से बेहतर तेरी सजा भी क्या है|
35. इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए|
36. तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे|
37. उस के यूँ तर्क ए मोहब्बत का सबब होगा कोई, जी नहीं ये मानता वो बेवफ़ा पहले से था|
38. नजर उनकी जुबाँ उनकी अजब है कि इस पर भी, नजर कुछ और कहती है जुबाँ कुछ और कहती है|
39. हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोमकी तरह, फिर भी कोई बेवफा कहे तो उसकी वफ़ा को सलाम|
40. मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम, प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम, दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा, प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम|
41. दुनियाँ को अपना चेहरा दिखाना पड़ा मुझे, पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे, रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज, फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे|
42. तेरी मोहब्बत ने दिया सुकून इतना, कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे, तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर, कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे|
43. नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेगा, वह बेवफा है मेरा इम्तिहान क्या लेगा, उसे चिराग जलाने को मत कह देना, वह नासमझ है कहीं उंगलियां जला लेगा|
44. आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया, क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया, न करते वफ़ा न मिलती ये सजा, मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया|
45. फ़ुलो के साथ कांटे नसिब होते है, ख़ुशी के साथ गम भी नसिब होता है, यु तो मजबुरी ले डुबती हर आशिक को, वरना ख़ुशी से बेवफ़ा कौन होता है?
46. कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी|
47. अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, इस तरह लोग मरने की आरज़ू ना करते, अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती|
48. ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने, है बेवफा गम ऐ मोहब्बत क्या जाने, जिन्हें मिलता है हर मोड़ पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने|
49. जब तक न लगे एक बेवफाई की ठोकर, हर किसी को अपने महबूब पे नाज़ होता है|
50. बेवफाओं की इस दुनियां में संभलकर चलना, यहाँ मुहब्बत से भी बर्बाद कर देते हैं लोग|
51. तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है, हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं|
52. मुझे मालूम है हम उनके बिना जी नहीं सकते, उनका भी यही हाल है मगर किसी और के लिये|
53. तेरा ख़याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी|
54. किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है|
55. उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने|
56. मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं, बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं|
57. बेवफा दुनिया में कौन सारी जिंदगी साथ देगा तेरा, लोग तो दफना कर भूल जाते हैं कि कब्र कौन सी थी|
58. जिगर हो जायेगा छलनी आँखें खूब रोयेंगीं, बेवफा लोगों से निभा कर के कुछ नहीं मिलता|
59. मिला के खाक में दिल को वो इस अंदाज़ में बोले, मिट्टी का खिलौना था, कहाँ रखने के काबिल था|
60. वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से, हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए|
61. चाहते हैं वो हर रोज़ नया चाहने वाला| ऐ खुदा मुझे रोज़ इक नई सूरत दे दे|
62. आख़िर तुम भी आइने की तरह ही निकले, जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए|
63. हम बेवफा हैं ऐलान किये देते हैं, चल तेरे काम को आसान किये देते हैं|
64. दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत, शुक्र है की यार ही बेवफा निकला|
65. न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है, बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है|
66. इंतजार हम सारी ऊम्र कर लेंगे बस खूदा करे तू बेवफा न निकले|
67. हमारी तरफ अब वो कम देखते हैं, ये वो नजरें नहीं जिनको हम देखते हैं|
68. कुछ तो बेवफाई है मुझ में भी, जो अब तक जिंदा हूँ तेरे बग़ैर|
69. तुझे है मशक ए सितम का मलाल वैसे ही, हमारी जान थी, जान पर वबाल वैसे ही|
70. तुझे है मशक ए सितम का मलाल वैसे ही, हमारी जान थी, जान पर वबाल वैसे ही|
71. चला था ज़िकर ज़माने की बेवफाई का, सो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही|
72. हम आ गए हैं तह ए दाम तो नसीब अपना, वरना उस ने तो फेंका था जाल वैसे ही|
73. मैं रोकना ही नहीं चाहता था वार उस का, गिरी नहीं मेरे हाथों से ढाल वैसे ही|
74. मुझे भी शौक़ न था दास्ताँ सुनाने का, मोहसिन उस ने भी पूछा था हाल वैसे ही|
75. मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
76. मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है, अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना|
77. जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे, मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊं|
78. खो गयी मेरी मोहब्बत, बेवफ़ाई के दलदल में, मगर इन आँखो को अब भी वफ़ा की तलाश है|
79. इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा, हुस्न पर क्या इतराना जो बस मेहमान है कुछ दिन का|
80. बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना, कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना|
81. वफा के बदले बेवफाई ना दिया कर, मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया कर, तेरी मौहब्बत में हम सब कुछ गवां बैठे, जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया कर|
82. आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था, आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था, जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे, वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था|
83. तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना, तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना, मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना, मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना|
84. हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, हर कोई मकसद का तलबगार मिला|
85. सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे, लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे|
86. काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें, उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें|
87. तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कनें भी कहती हैं, अपनी मज़बूरिओं का एक पैगाम तो भेज देते|
88. दिमाग पर जोर डाल के गिनते हो गलतियाँ मेरी, कभी दिल पे हाथ रख के पूछो क़सूर किसका था|
89. बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया, वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह|
90. कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी, कि तुझे अलविदा भी ना कह सका, तेरी सादगी में इतना फरेब था, कि तुझे बेवफा भी ना कह सका|
91. वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे, किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे, हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे|
92. इंसान के कंधों पर इंसान जा रहा था, कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था, जिसे भी मिली बेवफ़ाई मोहब्बत में, वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था|
93. बेवफायी का मौसम भी अब यहाँ आने लगा है, वो फिर से किसी और को देख कर मुस्कुराने लगा है|
94. मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर, जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला|
95. पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई, बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया|
96. रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई|
97. बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ, ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ, कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को, इसलिए पानी में आग लगा कर आया हूँ|
98. अच्छा होता जो उस से प्यार न हुआ होता, चैन से रहते हम जो दीदार न हुआ होता, हम पहुँच चुके होते अपनी मंज़िल पर, अगर उस बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता|
99 आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए, महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए, करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो, पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए|
100. ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है|
Bewafa Shayari in Hindi
2. मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने, किसी की बेवफाई ने किसी के झूठे वादों ने|
3. महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए, ये दुनिया की रस्म है मोहब्बत न समझ लेना|
4. मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो|
5. इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं, बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो|
6. खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को, दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी|
7. जाते जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे, जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर है|
8. वाकिफ तो थे तेरी बेवफ़ाई की आदत से, चाहा इसलिए कि तेरी फितरत बदल जाये|
9. हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम, होने लगे तो कुछ कुछ बेवफा से तुम|
10. उँगलियाँ आज भी इसी सोच में गुम हैं, कि कैसे उसने नए हाथ को थामा होगा|
11. कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को, यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है|
12. मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला, अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता|
13. बंद कर देना खुली आँखों को मेरी आ के तुम, अक्स तेरा देख कर कह दे न कोई बेवफा|
14. मेरी वफा फरेब थी मेरी वफा पे खाक डाल| तुझसा ही कोई बावफा तुझको मिले खुदा करे|
15. हो सके तो मुड़ कर देख लेना जाते जाते, तेरे आने के भरम में ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे|
16. हम जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये दोस्त, हजारों चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते|
17. कोई नहीं याद रखता वफ़ा करने वालों को, मेरी मानो बेवफा हो लो जमाना याद रखेगा|
18. सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने , हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है|
19. उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है|
20. समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी|
21. कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त, बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर|
22. हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया, गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया|
23. रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो, ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो|
24. इलाही क्यूँ नहीं उठती क़यामत माजरा क्या है, हमारे सामने पहलू में वो दुश्मन के बैठे हैं|
25. इस दौर में की थी जिस से वफ़ा की उम्मीद, आखिर को उसी के हाथ का पत्थर लगा मुझे|
26. दिल क्या मिलाओगे कि हमें हो गया यक़ीं, तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जाएगा|
27. उसकी ख्वाहिश है कि आँगन में उतरे सूरज, भूल बैठा है कि खुद मोम का घर रखता है|
28. तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी, वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी, ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है, तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी|
29. जो हुकुम करता है वो इल्तज़ा भी करता है, आसमान भी कहीं जाकर झुका करता है, और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले, इन्तज़ार मेरा कोई वहाँ भी करता है|
30. रहने दे ये किताब तेरे काम की नहीं, इस में लिखे हुए हैं वफाओं के तज़करे|
31. अगले बरसों कि तरह होंगे करीने तेरे, किसे मालुम नहीं बारह महीने तेरे|
32. अब देखिये तो किस की जान जाती है, मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है|
33. कैसे यकीन करें हम तेरी मोहब्बत का, जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से|
34. जा तुझ को तेरे हाल पे छोड़ा, इस से बेहतर तेरी सजा भी क्या है|
35. इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए|
36. तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे|
37. उस के यूँ तर्क ए मोहब्बत का सबब होगा कोई, जी नहीं ये मानता वो बेवफ़ा पहले से था|
38. नजर उनकी जुबाँ उनकी अजब है कि इस पर भी, नजर कुछ और कहती है जुबाँ कुछ और कहती है|
39. हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोमकी तरह, फिर भी कोई बेवफा कहे तो उसकी वफ़ा को सलाम|
40. मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम, प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम, दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा, प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम|
41. दुनियाँ को अपना चेहरा दिखाना पड़ा मुझे, पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे, रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज, फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे|
42. तेरी मोहब्बत ने दिया सुकून इतना, कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे, तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर, कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे|
43. नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेगा, वह बेवफा है मेरा इम्तिहान क्या लेगा, उसे चिराग जलाने को मत कह देना, वह नासमझ है कहीं उंगलियां जला लेगा|
44. आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया, क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया, न करते वफ़ा न मिलती ये सजा, मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया|
45. फ़ुलो के साथ कांटे नसिब होते है, ख़ुशी के साथ गम भी नसिब होता है, यु तो मजबुरी ले डुबती हर आशिक को, वरना ख़ुशी से बेवफ़ा कौन होता है?
46. कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी|
47. अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, इस तरह लोग मरने की आरज़ू ना करते, अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती|
48. ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने, है बेवफा गम ऐ मोहब्बत क्या जाने, जिन्हें मिलता है हर मोड़ पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने|
49. जब तक न लगे एक बेवफाई की ठोकर, हर किसी को अपने महबूब पे नाज़ होता है|
50. बेवफाओं की इस दुनियां में संभलकर चलना, यहाँ मुहब्बत से भी बर्बाद कर देते हैं लोग|
51. तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है, हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं|
52. मुझे मालूम है हम उनके बिना जी नहीं सकते, उनका भी यही हाल है मगर किसी और के लिये|
53. तेरा ख़याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी|
54. किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है|
55. उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने|
56. मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं, बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं|
57. बेवफा दुनिया में कौन सारी जिंदगी साथ देगा तेरा, लोग तो दफना कर भूल जाते हैं कि कब्र कौन सी थी|
58. जिगर हो जायेगा छलनी आँखें खूब रोयेंगीं, बेवफा लोगों से निभा कर के कुछ नहीं मिलता|
59. मिला के खाक में दिल को वो इस अंदाज़ में बोले, मिट्टी का खिलौना था, कहाँ रखने के काबिल था|
60. वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से, हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए|
61. चाहते हैं वो हर रोज़ नया चाहने वाला| ऐ खुदा मुझे रोज़ इक नई सूरत दे दे|
62. आख़िर तुम भी आइने की तरह ही निकले, जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए|
63. हम बेवफा हैं ऐलान किये देते हैं, चल तेरे काम को आसान किये देते हैं|
64. दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत, शुक्र है की यार ही बेवफा निकला|
65. न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है, बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है|
66. इंतजार हम सारी ऊम्र कर लेंगे बस खूदा करे तू बेवफा न निकले|
67. हमारी तरफ अब वो कम देखते हैं, ये वो नजरें नहीं जिनको हम देखते हैं|
68. कुछ तो बेवफाई है मुझ में भी, जो अब तक जिंदा हूँ तेरे बग़ैर|
69. तुझे है मशक ए सितम का मलाल वैसे ही, हमारी जान थी, जान पर वबाल वैसे ही|
70. तुझे है मशक ए सितम का मलाल वैसे ही, हमारी जान थी, जान पर वबाल वैसे ही|
71. चला था ज़िकर ज़माने की बेवफाई का, सो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही|
72. हम आ गए हैं तह ए दाम तो नसीब अपना, वरना उस ने तो फेंका था जाल वैसे ही|
73. मैं रोकना ही नहीं चाहता था वार उस का, गिरी नहीं मेरे हाथों से ढाल वैसे ही|
74. मुझे भी शौक़ न था दास्ताँ सुनाने का, मोहसिन उस ने भी पूछा था हाल वैसे ही|
75. मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
76. मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है, अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना|
77. जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे, मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊं|
78. खो गयी मेरी मोहब्बत, बेवफ़ाई के दलदल में, मगर इन आँखो को अब भी वफ़ा की तलाश है|
79. इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा, हुस्न पर क्या इतराना जो बस मेहमान है कुछ दिन का|
80. बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना, कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना|
81. वफा के बदले बेवफाई ना दिया कर, मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया कर, तेरी मौहब्बत में हम सब कुछ गवां बैठे, जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया कर|
82. आप बेवफा होंगे सोचा ही नहीं था, आप भी कभी खफा होंगे सोचा नहीं था, जो गीत लिखे थे कभी प्यार पर तेरे, वही गीत रुसवा होंगे सोचा ही नहीं था|
83. तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना, तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना, मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना, मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना|
84. हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, हर कोई मकसद का तलबगार मिला|
85. सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे, लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे|
86. काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें, उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें|
87. तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कनें भी कहती हैं, अपनी मज़बूरिओं का एक पैगाम तो भेज देते|
88. दिमाग पर जोर डाल के गिनते हो गलतियाँ मेरी, कभी दिल पे हाथ रख के पूछो क़सूर किसका था|
89. बढ़ा के प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया, वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह|
90. कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी, कि तुझे अलविदा भी ना कह सका, तेरी सादगी में इतना फरेब था, कि तुझे बेवफा भी ना कह सका|
91. वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे, किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे, हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे|
92. इंसान के कंधों पर इंसान जा रहा था, कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था, जिसे भी मिली बेवफ़ाई मोहब्बत में, वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था|
93. बेवफायी का मौसम भी अब यहाँ आने लगा है, वो फिर से किसी और को देख कर मुस्कुराने लगा है|
94. मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर, जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला|
95. पहले इश्क फिर धोखा फिर बेवफ़ाई, बड़ी तरकीब से एक शख्स ने तबाह किया|
96. रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई|
97. बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ, ख़त उसके पानी में बहा के आया हूँ, कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को, इसलिए पानी में आग लगा कर आया हूँ|
98. अच्छा होता जो उस से प्यार न हुआ होता, चैन से रहते हम जो दीदार न हुआ होता, हम पहुँच चुके होते अपनी मंज़िल पर, अगर उस बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता|
99 आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए, महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए, करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो, पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए|
100. ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक है वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक है|
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