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Tuesday, 18 December 2018

केजीएमयू में कर्मचारीयों से 30 दिनों का काम कराकर देते हैं 26 दिन की सैलरी

 केजीएमयू के परीक्षा विभाग और आउटर्सोसिंग कम्पनी के खींचतानी में फंसे कर्मचारी

लखनऊ। राजधानी के किंग जार्ज चिकित्साविष्वविद्यालय में आउटर्सोसिंग के माध्यम से मानव संसाधनों की आपूर्ति करने वाली एक निजी कम्पनी मिश्रा सर्विसेज और यहां के परीक्षा विभाग की मिलीभगत से एक घोटाला सामने आया है। जिसमें बताया गया है कि विभाग में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों से महिने में 30 दिन का काम कराकर उनको सैलरी 26 दिन की ही दी जाती है। वहीं इन 26 दिनों में पडऩे वाले त्यौहारों के भी पैसे काट लिए जाते हैं।

आउटर्सोसिंग कम्पनियों द्वारा सभी विभागों में हेर फेरी का मामला शुरू

केजीएमयू में आउटर्सोसिंग कम्पनियों द्वारा यहां के सभी विभागों में हेर फेर का मामला शुरू से ही आया लेकिन यहां के अधिकारियों और कर्मचारियों कम्पनियों के सांठ गांठ से मामले को दबा दिया गया। ताजा मामला केजीएमयू स्थित परीक्षा विभाग का है। जिसमें महिने में 30 दिन का काम कराकर 26 दिन की सैलरी देने का आरोप लगा है। आरोप यहां के संविदा कर्मचारियों ने लगाया है। वहीं त्यौहारों के भी पैसे काटने का इन पर आरोप है। इनका कहना है कि जब 26 दिन की सैलरी देने का नियम है तो इसमें पडऩे वाले त्यौहारों के पैसे क्यों काटे जाते हैं जबकि हमसे उस दिन भी काम लिया जाता है। कर्मचारियों ने बताया कि पीएफ काटने के बाद भी सभी कर्मचारियों के सैलरी में भारी असमानता देखने को मिलती है।

जनवरी 2018 से ही आ रही है दिक्कतें

कर्मचारियों के मुताबिक इस तरह की दिक्कतें जनवरी 2018 से ही आ रही है। उससे पहले सब कुछ ठीक चल रहा था। यहां तक कि इन्होंने इस सम्बन्ध में परीक्षा नियत्रंक से दो बार शिकायत की लेकिन उन्होंने इस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं की।
इस बारे में केजीएमयू के परीक्षा विभाग में कार्यरत आउटर्सोसिंग कम्पनी मिश्रा सर्विसेज के अधिकारी का कहना है कि शासन द्वारा त्यौहारों के पैसे नहीं दिए जाते हैं। महिने में 26 दिन काम और चार दिन छुट्टी मिलती है। जब कर्मचारियों द्वारा यहां 30 दिन काम करने की बात कही गई तो उसने कहा कि ये विभाग समझे।

रितेश मल्ल, संयुक्त संविदा/आउटर्सोसिंग अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश

नियमत कर्मचारियों से महिने में 26 दिन काम कराने का निर्देश है लेकिन यहां तीसों दिन उनसे काम लिया जाता है। उनको सैलरी भी 26 दिन की ही दी जाती है। जबकि विभाग और कम्पनियां द्वारा 30 दिन की सैलरी बनाकर शेष चार दिनों का मिलकर गबन कर जाती हैं।

ए.के.सिंह परीक्षा नियंत्रक, परीक्षा विभाग केजीएमयू
जहां तक कर्मचारियों के वेतन कटने का मामला है तो हो सकता वह छुट्टी पर रहे हों। वैसे शिकायत भी मिली थी मामले को संज्ञान में लेंगे।

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