नई दिल्ली। भारत सरकार के मेक इन इंडिया के तहत काम कर रही एक मोबाइल फोन निर्माता कंपनी के दमन और सिल्वासा प्लांट में 60 चाइनीज विशेषज्ञों ने दौरा किया है जिन्हें लेकर बवाल मचा हुआ है। विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) ने इन लोगों से प्लांट के दौरे को लेकर पूछताछ की है।
साथ ही इन लोगों को तुरंत भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इन लोगों पर व्यापार वीजा के नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है। इस मामले को लेकर कंपनी के एक अधिकारी नौशेर कोहली को बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस बीपी धर्मधिकाड़ी और सारंग कोटवाल की एक पीठ के समक्ष पेश भी किया गया है।
एफआरआरओ के आदेश के बाद वीजा की वैधता के बावजूद कई लोगों पहले ही भारत छोड़ चुके हैं। इनमें से कई लोगों के वीजा की वैधता 2020 तक है। इन लोगों को 15 दिसंबर तक किसी भी सूरत में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था।
कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। वहीं कोहली ने कोर्ट में दलील दी है कि ये 60 लोग प्लांट में साइबर टेक्नोलॉजी के लिए आए थे। उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों को कंपनी के एक अन्य वेंचर की ओर से दौरे के लिए भेजा गया था।
बता दें कि इस प्लांट में भारत सरकार के मेक इंडिया इंडिया योजना के तहत मोबाइल फोन का तैयार किया जाता है। फोन की डिजाइन भी यहीं तैयार होता है। हालांकि अभी तक इस प्लांट के नाम का खुलासा नहीं हुआ है। इस कंपनी ने पिछले 6 महीने में 50 लाख फोन तैयार किए हैं।
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