लखनऊ। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ,एसजीपीजीआई में कर्मचारियों के एम्स के समान भत्ते देने के मामले में सरकार ने एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगा है। वहीं कर्मचारी नेता भी अपनी जिद पर अडे हु हैं उनका कहना है कि शासन अगर 15 दिन के अन्दर कोई निर्णय नहीं लेती है तो हम नये साल से ही हड़ताल शुरू कर देगें।
पीजीआई निदेशक डॉ राकेश कपूर ने बताया कि संस्थान के एक्ट में संकाय सदस्यों कर्मचारियों और अधिकारियों को एम्स के समान वेतनमान और भत्ते दिये जाने का प्रावधान है। हाल में शासन में हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल । प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डा रजनीश दुबे विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा जंयत नार्लिकर और विशेष सचिव वित्त शंकेश्वर त्रिपाठी ने पीजीआई कर्मियों को एम्स के समान वेतन और भत्ते देने पर सहमति जतायी है। इस मामले को लेकर कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव देगी।
पीजीआई के मुताबिक पीजीआई निदेशक ने सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल के नेतृत्व में जो कमेटी गठित की है उसमें डॉ एसके अग्रवाल, डॉ प्रशांत अग्रवाल और कुछ प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि पीजीआई प्रशासन और शासन के धीमी रफ्तार से ये मामला कहीं तारीखों तक ही न सिमित रह जाए। 15 दिन के अन्दर अगर इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो हम नए साल में हड़ताल शुरू करेंगे।
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Wednesday, 19 December 2018
पीजीआई के कर्मचारी नए साल में करेंगे हड़ताल
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