मुंबई। भारत चुनाव आयोग ने मंगलवार को आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पूर्व तैयारियों का जायजा महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के सहयाद्री गेस्ट हाउस में लिया। इसमें सभी सियासी दलों, संगठनों और संबंधित अधिकारियों को आमंत्रित किया गया था। अशोक लवासा, नवनियुक्त चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी मौजूद थे। इस बार पेड न्यूज पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत चुनाव आयोग ने दिए हैं।
अशोक लवासा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि सभी महकमों के संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई है। सियासों दलों की शिकायतों को संज्ञान में लिया गया है। चुनाव आयोग पारदर्शी और निश्पक्ष चुनाव कराने के लिए वचनबद्ध है। किसी भी परेशानी के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं। इसीतरह शिकायत मिलते ही 100 घंटे के भीतर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करनेवालों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सियासी दलों के लिए एकल खिड़की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बिना किसी रोकटोक के यहां से 24 घंटे के भीतर पोल से संबंधित मंजूरियां प्राप्त की जा सकेंगी। सोशल मीडिया व अन्य मीडिया पर निगरानी के रखी जाएगी। इसके लिए दिशानिर्देश जारी किया जाएगा। मीडिया सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा। सोशल मीडिया पर होनेवाले कैम्पेन खर्च को भी चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। संवेदनशील केंदों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। धांधली व अवांछित घटनाओं की रोकथाम के लिए जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस अधिकारियों को संबंधित लोगों पर कार्रवाई करने व गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं। अपराधियों के लिए गैर-जमानती वारंट्स निकाले जाएंगे। चुनावी संबंधी मामले शीघ्र निपटाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन वोटिंग प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। यह अफवाह है। दिल्ली पुलिस ने इस तरह की अफवाह फैलानेवालों के खिलाफ केस दर्ज किया है। संवेदनशील बूथस्तर पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।
लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर चुनाव आयोग का प्रदेश में दो दिन की दौरा आयोजित किया गया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने राज्य में 40 लाख से ज्यादा बोगस मतदाताओं के होने की शिकायत चुनाव आयोग से की है। लवासा के मुताबिक फर्जी वोटरों की शिकायतें आई हैं। कई वोटरों के पास वैध पहचान पत्र तक नहीं होने की बात भी सामने आई है। कंप्युटर प्रणाली से मतदाताओं के डुप्लीकेशन की जांच हो रही है। चुनाव आयोग ने मतदाता सत्यापन और सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) को शुरू किया है। आयोग ने सोशल मीडिया पर निगरानी उपकरण को सशक्त बनाने, चुनावी खर्च की सीमा पर लगाम लगाने समेत कई महत्वपूर्ण मसलों को संज्ञान में लिया है। चुनाव में उम्मीदवारों की मांग पर वीवीपीएटी की गिनती कराई जाएगी। पेड न्यूज को लेकर आय़ोग ने कड़े कानून बनाए हैं। सोशल मीडिया सहित अन्य मीडिया पर कड़ी नजर होगी। चुनावी खर्च की सीमा को बढ़ाने की मांग पर आयोग ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है।
राज्य के साथ ही जिलास्तर पर प्रशासन को जीरो टोलरेंस की नीति अपनाने को कहा गया है। 92,428 मतदान केंद्रों पर 37 लाख लोगों के बीच वीवीपीएटी की जांच की गई है। आयोग ने सुविधा ऐप को बेहतर बनाया है। मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल ऐप, पीडबल्यूडी ऐप, ऑबसर्वर ऐप भी लॉन्च किए गए हैं। इन ऐप की मदद से किसी भी घटना की सूचना व वीडियो को अपलोड किया जा सकता है और 100 घंटे के भीतर ही कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के 2.24 लाख से अधिक दिव्यांगों के लिए भी ऐप लॉन्च किया गया है।
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