ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने एआई तकनीक से कृत्रिम अग्नाशय बनाया है जो मधुमेह रोगियों के लिए इंसुलिन खुराक में सुधार कर सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दुनिया में पहली बार इस प्रकार के अग्नाशय का निर्माण हुआ है।
आस्ट्रेलिया की एक फर्म द आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के संस्थापक और अग्रणी शोधकर्ता नाइजल ग्रीनफुड ने बताया, हमारी तकनीक पूर्ण सुरक्षा के साथ प्रत्येक व्यक्ति के रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए सर्वोत्तम इंसुलिन खुराक की सिफारिश कर सकती है। उन्होंने दावा किया कि यह तकनीक मधुमेह रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
मालूम हो कि हमारे देश में मधुमेह तेजी से फैल रहा है। बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पूरी दुनिया में भी मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जब हमारे शरीर के अग्नाशय में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को मधुमेह कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को ऊर्जा में बदलने का होता है।
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