हर साल अप्रैल की पहली तारीख को पूरी दुनिया मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन हर कोई अपने नजदीकि के साथ कुछ मजाक करता है और मूर्ख बनाता है। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह होती है कि आप किसी के साथ भी अगर कोई मजाक करते हैं या मूर्ख बनाते हैं तो वो आपकी बातों का बुरा नहीं मानते हैं। इस दिन कई ऐसे लोग भी होते हैं जो खुद को बेहद समझदार मानते हैं लेकिन फिर भी वह बेवकूफ बन जाते हैं। आइए आपको बताते हैं अप्रैल फूल डे क्यों मनाते हैं और इसका क्या मतलब है।
1945 में अप्रैल के पहले सप्ताह को अमेरिका की कौतुक समिति नामक संस्था ने राष्ट्रीय हास्य सप्ताह मनाने का फैसला किया था। इसके बाद यह कई सालों तक चलता भी रहा और फिर कुछ इसी प्रकार 1960 में अमेरिका में पब्लिसिटी स्टंट अप्रैल के पहले सप्ताह में के रूप में मनाया जाने लगा।
1860 में 1 अप्रैल की कहानी दुनियाभर में बहुत फेमस है। इस दिन लंदन में हजारों लोगों के घरों में पोस्ट कार्ड भेजा गया और सब को यह सूचना दी गई कि आज शाम को टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों को स्नान कराया जाएगा। इस इवेंट को आप सभी देखने के लिए आ सकते हैं। लेकिन इसे देखने के लिए आप लोग कार्ड जरुर लेकर आएं। लेकिन उस दिन किसी कारण की वजह से टॉवर ऑफ लंदन को बंद कर दिया गया था। लेकिन इस बात की जानकारी वहां के लोगों को नहीं थी और शाम होते ही टॉवर के बाहर हजारों लोगों की भीड़ लग गई। लोग अंदर जाने के लिए एक-दूसरे को धक्का तक देने लगे थे। और फिर अंत में उन्हें पता चला कि उन्हें किसी ने अप्रैल फूल बनाया है।
ऐसा माना जाता है की अप्रैल फूल डे का सबसे पहले जिक्र 1392 में ब्रिटिश लेखक चॉसर की किताब कैंटरबरी टेल्स में मिला था। इस किताब की एक कहानी थी जिसमें इंग्लैण्ड के राजा रिचर्ड और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई के बारे में लिखा था, साथ ही सगाई की तारीख भी थी जो 1 अप्रैल को थी। इस बात को वहां की जनता ने सच मान लिया और मुर्ख बन बैठे थे। तब से 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाया जाने लगा।
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