यूपी में अब बिजली कनेक्शन लेना सस्ता हो जाएगा। नए कनेक्शन के लिए अब तक वसूला जा रहा 50 रुपये प्रति किलोवाट का सिस्टम लोडिंग चार्ज अब नहीं देना होगा। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। जल्द ही कास्ट बुक/नई दरें जारी की जाएंगी। आयोग के निर्णय से सिंगल फेस और थ्री फेज मीटर की दरों में भी कमी कर दी गई है। वहीं दो आवेदक होने पर 40 मीटर की परिधि तक विभाग फ्री में तार और खंभे लगाकर कनेक्शन देगा। इस तरह विद्युत नियामक आयोग ने नए बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष व रिव्यू पैनल कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे देश में सिस्टम लोडिंग चार्ज की वसूली खत्म की जा चुकी है। केवल यूपी में यह व्यवस्था चल रही थी। आज के निर्णय से नए बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
मीटर भी हुए सस्ते: आयोग ने यह भी निर्णय लिया है कि मीटर की कीमत कर दी जाए। नई व्यवस्था में सिंगल फेस कनेक्शन पर पहले 980 रुपये लिए जाते थे, अब उसे घटाकर 872 रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार थ्री फेस मीटर पर पहले 2956 रुपये लिया जाता था, अब वह 2668 लिया जायेगा। प्रीपेड मीटर की दरें लगभग पहले जैसी हैं। हालांकि प्रीपेड थ्री फेस मीटर की दर 12000 रुपये से 11341 रुपये कर दी गई है।
यह भी हुआ फैसला: घरेलू ग्रामीण किसानों व छोटे विद्युत उपभोक्ताओं के सिक्योरिटी व प्रोसेसिंग फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब एक एचपी से पांच एचपी तक कोई भी किसान ट्यूबवेल का कनेक्शन ले सकता है। बड़े विद्युत उपभोक्ताओं की सिक्योरिटी राशि में थोड़ी सी बढ़ोतरी की गयी है। अतिरिक्त सिक्योरिटी राशि जमा कराने के मामले में अब दो महीने के बिल के स्थान पर मात्र 45 दिन की व्यवस्था लागू होगी।
अनियोजित कॉलोनियों को बड़ी राहत मिलेगी
अब एलटी वितरण लाइन के आगे 40 मीटर तक यदि उपभोक्ता भी एक साथ बिजली का कनेक्शन मांगेंगे तो उन्हें विभाग एक खम्भे की लाइन 40 मीटर की परिधि तक फ्री में बनाकर देगा। पहले यह व्यवस्था तीन कनेक्शन की डिमांड पर लागू थी। इससे अनियोजित कॉलोनियों में रहने वालों को राहत मिलेगी।
उद्योगों के लाखों रुपये बचेंगे
प्रदेश में लगने वाले छोटे-बड़े उद्योगों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। वर्तमान में सिस्टम लोडिंग चार्ज तकरीबन 50 रुपये प्रति किलोवाट वसूला जाता था। कई बड़े-बड़े उद्योगों को बिजली कनेक्शन के लिए 30 से 50 लाख रुपये तक यह चार्ज देना पड़ता था।
No comments:
Post a Comment