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Monday 29 April 2019

नरेन्द्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी है हथियार तस्कर !

बिहार के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के पास 10 ए के 47 रायफल  रखने की बात , अजय राय के पास 4 ए के 47

>>फर्दबयान में पूर्व विधायक सुनील पांडे के अपराध और हथियारों का है पुरी ख़ाका

>>कश्मीरी आतंकियों से मंगाए गये दर्जनों ए के -47 रायफल
>>कुख्यात नंदगोपाल उर्फ फौजी ने अपने बयान में किया था खुलासा
>>2014 में भी मोदी के खिलाफ वाराणसी से लड़े थे अजय राय

पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ लगातार दूसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के पास अवैध हथियारों का एक बड़ा जखीरा है। इस जखीरे में चार एके-47 रायफल सहित कई अन्य अत्याधुनिक हथियारें शामिल हैं। अजय राय के पास मौजूद एके-47 रायफल कश्मीरी आतंकियों से मंगवाई गई थी। यह रायफलें कश्मीर से सेव लेकर दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी पुहंचे एक ट्रक में छुपाकर बाहुबली व सीवान के पूर्र्व सांसद शहाबुद्दीन के द्वारा मंगाई गई थी। बाद में इन रायफलों को कई माफियाओं के बीच वितरित कर दिया गया था। तब विधायक रहे अजय राय के हिस्से में चार एके-47 रायफले आई थी। इस कटु सत्य का खुलासा किया था कुख्यात और दर्जनों संगीन कांडों में आरोपित रहे रोहतास जिला के विक्रमगंज थाना के जोगिया गांव निवासी नंदगोपाल पांडेय उर्फ फौजी ने। कई संगीन मामलों में फरार फौजी को विक्रमगंज पुलिस ने 6 फरवरी 1999 को गिरफ्तार कर लिया था। 7 फरवरी 1999 को विक्रमगंज थाना के तत्कालीन पीएसआई अजीत कुमार सिंह को दिए अपने इकबालिया बयान में फौजी ने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया था कि ‘श्रीनगर के किसी देहात से कई एके-47 रायफले मंगाई गई थी जिनमें 10 रायफलें सांसद शहाबुद्दीन ने अपने पास रख लीं। चार रायफलें वाराणसी वाले विधायक अजय राय व चार रायफलें रांची वाले अनिल शर्मा ने ली। बाद में अनिल शर्मा ने एक रायफल रण्वीर सेना को दान में दे दिया।’ फौजी के इस बयान की तस्दीक 2001 में दिल्ली में लोधी कॉलोनी पुलिस द्वारा एके-47 सहित कई हथियारों, सैकड़ो कारतूसों और बुलेट प्रुफ जैकेट के साथ गिरफ्तार किए गए बुलंदशहर निवासी कुख्यात भूपेन्द्र त्यागी उर्फ अवधेश त्यागी ने भी की। लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी 154/2001 के अपने इकबालिया बयान में भूपेन्द्र त्यागी ने तब स्वीकार किया था कि शहाबुद्दीन का संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और कश्मीरी आतंकियों से है जिनके मार्फत से श्रीनगर से एके-47 रायफले मंगाई गई थी। गौरतलब है कि शहाबुद्दीन और आईएसआई्र के एक कथित एजेंट जैन ने 2001 में तत्कालीन बाजपेयी और एनडीए सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजापा के खिलाफ लिखने वाले ‘तहलका’ के संपादक तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की हत्या की साजिश रची थी। इन दोनों की हत्या की जिम्मेवारी और सुपारी भूपेन्द्र भपेन्द्र त्यागी और उसके साथियों को सौंपी गई थी। एक उजले जिप्सी द्वारा सड़क मार्ग से दिल्ली पहुंचा भूपेन्द्र त्यागी अपने मकसद में सफल होता इसके पूर्व ही लोधी कॉलोनी पुलिस ने उसे उसके साथियों के साथ दबोच लिया।

अजय राय ने 2014 में भी नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। सोलह लाख से अधिक मतदाता वाले वाराणसी लोकसभा सीट पर तब कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ रहे अजय राय को तब महज 75, 614 मतों से संतोष कर अपनी जमानत तक गंवानी पड़ी थी। तब वाराणसी के मतदाताओं ने मोदी को रिकार्ड 5,81,022 मत देकर उन्हें प्रचंड बहुमत से जिताया था। 2014 के चुनाव में माफिया डॉन और बाहुबली पूर्व सांसद मुख्तार अंसार ने अजय राय को समर्थन दिया था जो समर्थन अजय राय कि विपरित ही गया। मुख्तार अंसारी आश्र उसका भाई भूमिहार जाति से आने वाले लोकप्रिय विधायक कृष्णनंदन राय सहित सात लोगों की हत्या में आरोपित हैं। जब मुख्तार अंसारी ने अजय राय को समर्थन देने की घोषण कर दी तब डेढ़ लाख से अधिक भूमिहार मतदाता और लगभग तीन लाख मुसलमान मतदाता वाले इस संसदीय क्षेत्र के दोनों जाति के मतदाता अजय राय के खिलाफ हो गए जिसके कारण उन्हें अपनी जमानत तक गवांनी पड़ी थी। सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन ने इस गठबंधन की ओर से बीते 23 अप्रैल को कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल हुई शालिनी यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। गाजीपुर में जन्मी और बाई बर्थ भूमिहार जाति से आने वाली शालिनी यादव वाराणसी के जंग को त्रीकोणीय बनाने की कोशिश करेंगी। सपा गठबंधन व कांग्रेस प्रत्याशी के बीच मुस्लिम मत बटोरने की होड़ होगी। हालांकि वाराणसी में यह चर्चा है कि सपा गठबंधन के मैदान में आने से भले ही मोदी को 2014 की तुलना में कम वोट मिले पर उनकी स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है।

 

साभार – विनायक विजेता ( वरीय पत्रकार ) और सहयोगी रवीश कुमार मणि ।

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