राजस्व एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह चालू वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। देश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद यह अब तक की सबसे अधिक वसूली है। इससे पहले फरवरी में 97,247 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ था। जीएसटी अनुपालन में सुधार के साथ रिटर्न की संख्या बढऩे से जीएसटी संग्रह में तेजी आई है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, मार्च 2019 में 1,06,577 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) संग्रह 20,353 करोड़ रुपए , राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 27,520 करोड़ रुपए और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 50,418 करोड़ रुपए तथा उपकर 8,286 करोड़ रुपए रहा है। बयान के मुताबिक , 31 मार्च 2019 तक संक्षिप्त बिक्री रिटर्न या जीएसटीआर -3 बी भरने वालों की संख्या 75.95 लाख रही।
जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से मार्च 2019 में सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह हुआ। मार्च 2018 की तुलना में इसमें 15.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। एक साल पहले मार्च में जीएसटी संग्रह 92,167 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान , औसत मासिक जीएसटी संग्रह 98,114 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए उठाए गए कदमों से हाल के महीनों में जीएसटी राजस्व में तेजी आई है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2018- 19 के दौरान जीएसटी संग्रह अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपये , मई में 94,016 करोड़ रुपये , जून में 95,610 करोड़ रुपए, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपए, अगस्त में 93,960 करोड़ रुपए , सितंबर में 94,442 करोड़ रुपए, अक्टूबर में 1,00,710 करोड़ रुपए, नवंबर में 97,637 करोड़ रुपए, दिसंबर में 94,725 करोड़ रुपए, जनवरी 2019 में 1.02 लाख करोड़ रुपए और फरवरी 2019 में 97,247 करोड़ रुपए और आखिरी महीने मार्च में रिकार्ड 1.06 लाख करोड रुपए रहा है। अब नए वित्त वर्ष 2019- 20 के लिए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपए रखा गया है।
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