*सुल्तानपुर -जनपद में अगर कोई ऐसा उपभोक्ता होगा जो अम्रत लाल यादव को न जानता हो , यह वही अम्रत लाल यादव है जो अपनी लाल कलम से कितने उपभोक्ताओं का बिल लाखो से हजारों में करके लाल कागज को अपनी जेबो को भरे है*
*सूत्र बताते है किअम्रत लाल यादव की पोस्टिंग लाइनमैन के पद पर हुई थी लेकिन अपने लाल कलम से अधिकारियों व अपने को जरूरत पूरी करने में माहिर अम्रत लाल को अधिकारियों ने लाइनमैन से हटा कर बाबू के पद सम्बद्ध कर दिया तब तो अम्रत लाल का दिन दूना रात चौगनी होने लगी इच्छाएं बढ़ी* *आवश्यकताए बढ़ी और ऊंचे पद पर पहुचने की अकांछाये बढ़ी तो अम्रत लाल ने सन 2013 में राजकीय औद्दोगिक परीक्षण संस्थान से इलेक्ट्रिशयन का डिप्लोमा करने का मन बनाया सूत्र बताते है कि एडिमिशन भी ले लिया 2014 में उतीर्ण होने का प्रमाण पत्र भी मिला जिसका पत्रांक संख्या 2013/ 391 अनुक्रमांक न EL-02 वर्ष 2013 है लेकिन अम्रत लाल न तो कभी आई टी आई कालेज गये न तो परीक्षा देने गये लेकिन बिभाग से एक भी दिन की छुट्टी नही लिए और अधिकारियों के रहमोकरम के चलते 2018 में अम्रत लाल को जे ई के पद पर प्रमोशन दे दिया गया और अमेठी जिले में स्थानांतरण कर दिया गया अगर मामला सत्य है तो बिभाग का आदेश कहता है कि अध्ययन के समय साल में एक माह और पूरी नौकरी में दो साल सरकारी कर्मचारी अवकाश ले सकता है लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि अम्रत लाल ने अपने डिप्लोमा अध्यन व परीक्षा के दौरान* *बिभाग से एक भी अवकाश नही लिया आखिर योगी सरकार में कैसे रुकेगा भृस्टाचार का बोलबाला जब सरकार के ही अधीनस्थ अधिकारी ऐसे करेगे अपने दायित्व का निर्वाह।
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Wednesday 29 May 2019
जाने बिजली बिभाग में लाइनमैन से कैसे बना जे ई
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