लखनऊ। डालीगंज के नदवा रोड स्थित निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों मौत के बाद मरीज को बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया। परिवारीजन जब मरीज को बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने आधे घंटे पर मरीज की मौत की बात कही। दुखी परिवारीजनों ने प्राइवेट अस्पताल पर इलाज में कोताही का आरोप लगाया है। रायबरेली निवासी संदीप कुमार (24) करीब डेढ़ साल से टीबी की चपेट में था। परिवारीजनों ने कई अस्पतालों में इलाज कराया। इसके बावजदू मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। गंभीर हाल में तीमारदार उसे सिविल अस्पताल की ओर निकले। इसी दौरान परिवारीजनों के परिचित ने मरीज को डालीगंज नदवा कॉलेज के पास निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराने की सलाह दी। भाई विश्वनाथ का आरोप है करीब ह ते भर तक मरीज को भर्ती रखने दौरान करीब दो लाख रुपए वसूल लिए गए। परिवारीजनों ने बताया कि पैसे के लालच में परिचित ने मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। तबीयत में सुधार न होने पर परिवारीजनों ने मरीज की छुट्टी की गुजारिश डॉक्टरों से की। इसके बावजूद निजी अस्पताल के डॉक्टर राजी नहीं हुए। भाई का आरोप है कि गुरुवार शाम मरीज की हालत अचानक बिगड़ गई। मरीज को आनन फानन ले जाने को कहा गया। मरीज को शि ट कराने दौरान उसकी सांसे उखड़ गई। निजी अस्पताल संचालक ने मरीज को जल्दी बलरामपुर अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने वाहन भी मुहैया करा दिया। इमरजेंसी में तैनात डॉ. सुमेर सिंह ने मरीज का परीक्षण किया। उसके बाद मरीज को मृत बताया। मरीज का पूरा शरीर ठंडा पड़ चुका था। डॉक्टरों ने आधे घंटे पहले मरीज की सांसें थमने की आशंका जाहिर की है।
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Thursday, 30 May 2019
मरीज को जिंदा बताकर बलरामपुर अस्पताल भेजा
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